राष्ट्रीय (06/04/2015) 
करंट मारते दिख रहे एवरेज़ बिल

सिवनी । बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा उपभोक्ता भुगत रहे हैं। नगर में कई उपभोक्ताओं ने मीटर बंद होने की शिकायत विभाग से की थी लेकिन आज तक उनके मीटर ही नहीं बदले गए है। इसके विपरीत एवरेज़ के नाम पर उन्हें अनाप-शनाप बिल भेजा जा रहा है। बिजली विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि विभाग के पास वर्तमान में हजारों की तादाद में शिकायतें हैं जिसमें मीटर रिप्लेसमेंट ही प्रमुख हल है किन्तु विभाग के पास इतने मीटर हैं ही नहीं कि वह इन्हें बदल सकें। उपभोक्ताओं का कहना है कि उनके द्वारा इस संबंध में विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को कई बार शिकायत की गई है। नए मीटर लगाने के लिए लिखित में भी शिकायती आवेदन दिया गया है, इसके बाद भी अधिकारी बंद मीटर नहीं बदल रहे हैं। इधर, बिजली विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि विभाग के पास अभी नए मीटर हैं ही नहीं, जब आएंगे तो बदल देंगे। फिलहाल, उपभोक्ता विभागीय अधिकारियों की इस लापरवाही का खामियाजा भुगतने के लिए मजबूर हैं।

बिजली विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्यालय में करीब 1600 उपभोक्ताओं के यहां बिजली के मीटर बंद पड़े हैं। विभाग की ओर से ऐसे बंद मीटर धारक उपभोक्ताओं को हर माह एवरेज़ बिल दिया जा रहा है। उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उन्हें जो एवरेज़ बिल दिया जा रहा है वह, अधिक है क्योंकि, हम ज्यादा बिजली की खपत करते ही नहीं हैं। जानकारी के मुताबिक मीटर बंद की समस्या मुख्यालय में बीते सालभर से बनी हुई है।

नगर में खराब हो चुके 1600 मीटर बदले जाने हैं लेकिन, बिजली विभाग को फिलहाल 300 नए मीटर ही उपलब्ध हो पाए हैं। इन नए मीटरों को बंद बिजली मीटर से बदले जाने का काम भी कछुआ गति से ही चल रहा है। इस तरह की कार्यप्रणाली से भी उपभोक्ता नाराज हैं। शेष बंद पड़े 1300 मीटर कब बदले जाएंगे यह बिजली विभाग के आला अधिकारियों को ही पता नहीं है। विभाग के सूत्रों की मानें तो यह समस्या इसलिए बनी हुई है क्योंकि, विभाग को ही ऊपर से बिजली मीटर उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।

बंद बिजली मीटर के बावजूद बिजली का उपयोग जारी रहने के कारण न केवल कुछ उपभोक्ताओं को नुकसान हो रहा है बल्कि, बिजली विभाग को भी इससे अच्छा खासा नुकसान हो रहा है। बंद बिजली मीटर से बिजली जलाने वाले ऐसे अनेक उपभोक्ता हैं, जिनकी खपत तो अधिक हो रही है लेकिन, पुराने एवरेज़ के हिसाब से उन्हें कम राशि का ही बिजली बिल थमाया रहा है।

इन परिस्थितियों में प्रत्येक माह बिजली की खपत अधिक होने और कम राशि मिलने से विभाग को काफी नुकसान हो रहा है। कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं जो बिजली विभाग की इस लापरवाही का फायदा उठाते हुए अन्य व्यवसायिक कार्यों में भी बिजली का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन बिल उन्हें एवरेज के हिसाब से ही दिया जा रहा है। गौरतलब होगा कि गर्मी का मौसम अब आरंभ हो चुका है, ऐसे में अब बिजली की खपत कई गुना बढ़ जायेगी जो बिजली विभाग के लिये खराब मीटर तेजी से न बदले जाने की दशा में घाटे का मौसम साबित हो सकता है।

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