अब लोगों को मलेरिया से बचाने के लिए टीकाकरण की तरह
आयुर्वेदिक दवा मलेरिया ऑफ का सेवन कराया जाएगा। इससे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता
में वृद्धि होगी। जिससे मलेरिया वाहक एनॉफिलीज मच्छर काटने के बाद भी मलेरिया नहीं
होगा। आयुर्वेद महकमे द्वारा सबसे पहले दवा का वितरण हाई रिस्क क्षेत्रों में किया
जाएगा। गौरतलब है, लोगों को मलेरिया होने के बाद दवा दी जाती
थी। लेकिन अब मलेरिया न हो इसके लिए पहले ही दवा खिलाई जाएगी। आयुर्वेद विभाग के
औषधालयों द्वारा अप्रैल माह से दवा का वितरण आरंभ किया जाएगा। जिला आयुर्वेद
अधिकारी डॉ. बीडीएस चौहान ने बताया, मलेरिया का प्रकोप जिले में कम करने के लिए
हाई रिस्क क्षेत्रों में मलेरिया ऑफ दवा का वितरण किया जाएगा। एक व्यक्ति को चार
टेबलेट दी जाएंगी। उन्होंने बताया कि हर सप्ताह एक टेबलेट खाना जरूरी होगा। तीन चरणों में दवा का कोर्स पूरा करना होगा। जिससे मलेरिया से बचा जा सके। सबसे पहले इस दवा का उपयोग झाबुआ जिले में किया गया था। जहां सकारात्मक परिणाम आने के बाद इसे सतना सहित अन्य जिलों में लागू किया गया है। तीन माह तक असर मलेरिया ऑफ का सेवन बीमारी होने से पहले किया जाना है। जिसका
कोर्स पूरा करना जरूरी होता है। जिसके बाद दवा का असर तीन माह तक रहता है। इस
दौरान मलेरिया वाहक मादा एनॉफिलीज मच्छर काटने के बाद भी मलेरिया की संभावना नहीं
रहती है। |