भोपाल । राज्य के तीन चिकित्सा महाविद्यालय ग्वालियर, रीवा और जबलपुर से
संबद्ध अस्पतालों को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में तब्दील किया जाएगा। चिकित्सा
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव अजय तिर्की ने बताया कि ग्वालियर, रीवा एवं जबलपुर
चिकित्सा महाविद्यालय में शीघ्र ही 150-150 करोड़ रुपए की लागत से सुपर स्पेशियलिटी
अस्पताल का निर्माण किया जाएगा। योजना के संबंध में भारत सरकार से अनुमोदन मिल गया
है। योजना में तीनों मेडिकल कालेजों में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
बनने से प्रदेश के मरीजों को किडनी प्रत्यारोपण, जटिलतम न्यूरो
सर्जरी, हृदय रोग
संबंधी स्टेंट, बायपास
सर्जरी आदि जटिल ऑपरेशन एवं उनका उपचार सुलभ हो सकेगा। उन्हें इसके लिए मुंबई, दिल्ली, चेन्नई आदि स्थानों
में जाकर उपचार करवाने की आवश्यकता नहीं होगी। जटिल ऑपरेशनों के लिए अत्याधुनिक
मशीनें जैसे- जी.आई. एन्डोस्कोप, कैथ, कैथ लेब, हार्ट लंग मशीन आदि
स्थापित की जायेंगी। ग्वालियर चिकित्सा महाविद्यालय को न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, सर्जिकल गेस्ट्रो
इन्ट्रोलॉजी, पीडियाट्रिक
सर्जरी, नेफरोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूनेटोलॉजी, एनेस्थिसियालॉजी।
जबलपुर चिकित्सा महाविद्यालय को न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, कार्डियोलॉजी, कार्डियो थोरासिक
वास्कूलर सर्जरी, नेफरोलॉजी, यूरोलॉजी। रीवा
चिकित्साो महाविद्यालय को न्यूरो सर्जरी, न्यूरोलॉजी, कार्घ्डियोलॉजी, कार्डियो थेरापिक
मस्क्यु लर सर्जरी,
नेफरोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूनेटोलॉजी। प्रमुख सचिव श्री तिर्की ने बताया कि अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे पहले राज्य के तीन कॉलेजों के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डी.पी.आर. भारत सरकार को भेज दिए गए हैं। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के शुरू होने के संबंध में डी.एम. एवं एम.सी.एच. के पाठयक्रम भी प्रदेश को उपलब्ध होंगे। तीनों ही मेडिकल कॉलेज के लिए भारत सरकार ने एच. एस.सी.सी. को प्रोजेक्ट मेनेजमेंट का दायित्व सौंपा है। |