राष्ट्रीय (20/04/2015) 
किसानो के चैक का भुगतान करने पर बैंक कर्मी मांग रहे है कमीशन
कुदरत की मार से परेशान किसान को मुआवजे की चैक देने में पहले लेखपालों ने जमकर लापरवाही बरती तो अब बैंक कर्मी किसानों से चैक का भुगतान करने के एवज में कमीशन की मांग करने से भी बाज नहीं आ रहे ! मजबूर किसान कुदरत की मार से हलकान बैंक कर्मियों के इस रवैये से खासा निराश है ! महोबा जनपद के क़स्बा कबरई की इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के प्रबंधक सरकार से मिली किसानों की इमदाद में से कमीशन का अपना हिस्सा मांगने पर उतारू हो गए ! न देने पर किसानों की चैकों का भुगतान करने में आनाकानी की जा रही है ! बैंक प्रबंधक की इस हरकत से नाराज आधा सैकड़ा किसानों ने बैंक परिसर में पहले तो जमकर हंगामा किया और बैंक के प्रबंधक को हटाये जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए !
बुंदेलखंड के किसानों का बदकिस्मती से चोली दामन का साथ रहा है ! पिछले 10 वर्षों से दैवीय आपदाओं की मार झेल रहे यहाँ के किसानों को अधिकारी,कर्मचारी ,लेखपाल और बैंककर्मी दोहन करने की मशीन बनाये हुए है ! महोबा के किसान पहले सूखा और अब ओलावृष्टि से पूरी तरह तबाह और बर्बाद हो चुके है ! सरकारों की नीद टूटी तो सूखा राहत की चैकें देकर जख्मों पर  मरहम लगाने का काम शुरू किया गया ! किसान इसमें भी संतुष्ट था ! मगर पहले चैक बनाने के नाम पर लेखपाल की मनमानी और अब चैक के भुगतान के लिए बैंक के दलालों और बैंक कर्मियों की कमीशनखोरी किसानों के लिए नासूर बन गई है ! ताजा मामला कबरई कसबे का है ! कसबे के अंतर्गत आने वाले तकरीबन आधा दर्जन गांवों के किसान प्रदेश सरकार द्वारा दी गई सूखा राहत की चैकों को पिछले एक माह से इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक में भुगतान के लिए खाते में जमा किये हुए है लेकिन जिन किसान ने दलालों के जरिये बैंक के प्रबंधक आत्मराम गुप्ता को कमीशन के 500 से लेकर 1000 रुपये दे दिए उनकी चैकों का पैसा खातों में आ गया जबकि कमीशन न देने वाले किसानों को एक माह बीत जाने के बाद भी पैसे नहीं मिल सके ! यह आरोप हमारे नहीं बल्कि उन पीड़ित किसानों के है जिसने बैंक के दलालों और बैंक मैनिजर ने कमीशन की मांग की है ! 
बैंक प्रबंधक आत्मराम द्वारा किसानों से चैक का भुगतान करने के एवज में मांगी जा रही सुबिधा शुल्क को लेकर आज किसान इस कदर नाराज हुए कि बैंक परिसर में पहले जमकर हंगामा किया ! सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने किसानों को शांत कराया ! जिसके बाद किसान यूनियन की अगुवाई में किसान धरने पर बैठ गए और बैंक प्रबंधक को हटाये जाने की मांग करने लगे !
इस पुरे मामले में प्रशासन से जब बात की गई तो किसी ने भी कुछ भी बोलने से मना कर दिया ! प्रशासन का यह रवैया सरकार की उस मंशा पर कालक पोत रहा है जिसमे सरकार किसानों को खुशहाल बनाने का दम भर रही है ! वहीँ बैंक प्रबंधक  कमीशन खोरी की लत भी प्रदेश सरकार के मंसूबों पर पानी फेरती नजर आती है !
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