शौचालय के लिए 11 साल की बच्ची ने छोड़ा खाना सागर - मध्य प्रदेश में 11 साल की एक दलित बच्ची तारा ने
सबका दिल जीत लिया है। सागर जिले की तारा ने टॉइलट बनवाने के लिए दो दिनों तक खाना
नहीं खाया। तारा किरोड़ गांव में रहती है और वहीं के एक सरकारी स्कूल में
छठीं क्लास की स्टूडेंट है। बच्ची के इस कदम से जिला प्रशासन भी प्रभावित हुए बिना
न रह सका। प्रशासन ने अब तारा को जिले में साफ-सफाई के लिए लोगों को जागरूक करने
की मुहिम का ब्रैंड ऐंबैसडर बनाने का फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों से तारा अपने पिता से टॉइलट बनवाने की जिद कर
रही थी, ताकि उसे
शौच करने के लिए बाहर न जाना पड़े। तारा के अंकल पुरुषोत्तम बंसल ने बताया,महेश भैया (तारा)
के पिता ने टॉइलट बनवाने के प्लान को कुछ दिनों के लिए टाल दिया क्योंकि हमारे पास
पैसों की कमी थी। इसके बाद तारा ने खाना खाना ही छोड़ दिया। तारा के पिता महेश
बंसल और चाचा पुरुषोत्तम दोनों मजदूरी करते हैं। जैसे ही यह खबर स्थानीय पंचायत को मिली, कार्यकर्ता तारा के
घर पहुंचे और उसे खाने के लिए मनाने लगे। तारा के चाचा ने मीडिया से बताया, हमारे गांव में
एनजीओ के कुछ कार्यकर्ता आए थे। उन्होंने बच्चों को साफ-सफाई की अहमियत के बारे
में बताया था और उन्हें खुले में शौच जाने से मना किया था। जब तारा ने खाना
खाना छोड़ दिया तो उसके पिता ने घर के पास सेप्टिक टैंक के लिए एक गड्ढा खोदना शुरू
किया। तारा ने बताया,मैंने दो दिनों से खाना नहीं खाया है। पापा
ने सेप्टिक टैंक बनाना शुरू किया लेकिन पैसों की कमी से वह काम भी रुक गया। जिला पंचायत के
सीईओ एम.आर. मेहरा और स्थानीय पंचायत के प्रतिनिधि ने शुक्रवार का पूरा दिन तारा
के घर पर बिताया। (पी.के.शुक्ला) |