जबलपुर । लेडी एल्गिन हॉस्पिटल की सिक न्यू बार्न केयर
यूनिट अर्थात एसएनसीयू में एक बंद वेण्टीलेटर की वजह से कई मासूमों की जानें जा
रही हैं। प्रसूति के बाद जिन माताओं के नवजात बच्चों को कृत्रिम श्वसन जीवन रक्षा
प्रणाली की आवश्यकता होती है, उन्हें यह सुविधा चाह कर भी नहीं मिल पाती।
हर दिन यह होता है कि किसी न किसी बच्चे की मौत वेण्टीलेटर के अभाव में हो रही है।
इसमें खास बात यह है कि विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी है, पर वे मूक बनकर मौत
का तमाशा देख रहे हैं। अस्पताल के एसएनसीयू में 24 बिस्तर हैं और उन पर एक
वेण्टीलेटर की सुविधा दी गई है। यह वेण्टीलेटर भी पिछले 6 माह से बंद है। इसकी
मरम्मत कराकर चालू कराने के लिये फाइल यहां से वहां घूम तो रही है, लेकिन कोई
गंभीरतापूर्वक ध्यान ही नहीं दे रहा है। किसी प्रसूति केन्द्र में वेण्टीलेटर सबसे जरूरी उपकरण माना
जाता है, क्योंकि आज
के दौर में होने वाले ज्यादा सिजेरियन डिलेवरी में बच्चों को कई बार सांस लेने में
तकलीफ होती है और इन परिस्थितियों में उन्हें वेण्टीलेटर पर रखना पड़ता है। रात के
समय जो प्रसूतियां होती हैं, उनमें बच्चों को ज्यादा खतरा होता है,क्योंिक उतने ही
समय परिवारजनों को िकसी दूसरे अस्पताल की दौड़ जरूरत के वक्त लगानी पड़ती है। |