राष्ट्रीय (14/07/2015) 
अवैध यूनिपोलों पर नियंत्रण हेतु 'काटो और ले जाओ' नीति बने: राजेश भाटिया
स्थायी समिति के सदस्य व राजेन्द्र नगर के निगम पार्षद राजेश भाटिया ने निगम आयुक्त से मांग की है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने अधिकार क्षेत्र में लगे अवैध यूनिपोलों की सूची जारी करे तथा उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करें। कबाड़ी या जो भी कोई व्यक्ति चाहे इन अवैध पोलों को अपने खर्चे पर काट कर ले जाने की छूट दे। विभाग ऐसे मामले में ने कोई शुल्क ले और न इसके बदले में कोई भुगतान करें।
राजेश भाटिया ने बताया कि निगम को विज्ञापन एवं पार्किंग के माध्यम से वर्ष भर में मात्र 17 करोड़ की आय हो रही है जबकि इससे कई गुणा अधिक आय होनी चाहिए। निगम को माफिया द्वारा राजस्व की चपत लगाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज वैध से कई गुणा अधिक अवैध यूनिपोल लगे हुए हैं। एक यूनिपोल लगाने की लागत मात्र 10 हजार के करीब आती है और उससे कमाई लाखों रूपये वार्षिक की होती है। उन्होंने अवैध विज्ञापन दाताओं के खिलाफ सबसे पहले एफ.आई.आर. दर्ज करने की मुहिम चलाने की मांग की।
राजेश भाटिया ने बताया कि अधिकतर यूनिपोल पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के विज्ञापन लगे हैं इसके स्थान विज्ञापन माफिया की ऊपर तक पहुंच के कारण अधिकारी उनके खिलाफ कार्यवाही करने से डरते हैं और केवल एफ0आई0आर0 के नाम पर पुलिस विभाग को पत्र लिखना ही अपना कत्र्तव्य समझते हैं।
भाटिया ने मांग की कि निगम आयुक्त इसके लिए विशेष तौर पर निगम अधिवक्ताओं का एक पैनल बनाये जो पुलिस अधिकारियों से संपर्क करके यह सुनिश्चित करें कि सभी दोषियों के खिलाफ मामले न्यायालय तक पहुंचे एवं दोषियों को सजा मिलें।
भाटिया ने कहा कि विभाग द्वारा बार-बार संसाधनों की कमी का रोना रोया जाता है इसलिये उन्होंने यह सुझाव दिया है कि अवैध यूनिपोल के मामले में काटो और ले जाओ की नीति अपनाई जाए।
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