राष्ट्रीय (27/02/2016) 
पंजाबी बिरादरी के आह्वान पर रेवाड़ी के बाजार बंद
रेवाड़ी: आरक्षण की आड़ में प्रदेश में हुए हिंसक आंदोलन के बाद रेवाड़ी के पंजाबी समाज में भारी रोष है, जिसके चलते आज पंजाबी समाज ने जाटों का बहिष्कार कर अपनी प्रतिष्ठान बंद रखकर अपना रोष जताया और काली पट्टी बांधकर शहर के बाजारों में जाट विरोधी नारे लगाते हुए जोरदार प्रदर्शन किया तथा जिला सचिवालय पहुंचकर डीसी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। साथ ही उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाए। वहीं उन्होंने इस पूरे प्रकरण के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा को इसके लिए दोषी ठहराया और ये भी मांग की कि आंदोलन में दोषी पुलिस कर्मचारियों को भी तुरंत प्रभाव से निलंबित कर उनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाये।
वहीं इस बारे में पंजाबी समाज के लोगो का कहना था कि 1947 में भारत पाकिस्तान बटवारे के बाद बर्बाद पंजाबियों ने अपनी मेहनत और क़ाबलियत के दम पर समाज में एक विशेष मुकाम हासिल किया है। उस समय मुसलमानो ने हिन्दुओं पर जो अत्याचार किया वो तो समझ आता है लेकिन प्रदेश में हुए इस हिंसक आंदोलन में तो अपनों ने ही अपनों को दोनों हाथो से लूटा, उनके प्रतिष्ठान जला दिये, औरतो की इज्जत पर हाथ डाला। इससे घिनौना कुकृत्य शायद और नहीं हो सकता जिसने न केवल प्रदेश को बल्कि देश को शर्मसार कर दिया। उन्होंने इस हिंसक आंदोलन के पीछे सीधे तौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, उनके सलाहकार प्रो बिरेन्द्र सिंह और जाट नेताओ के साथ साथ पुलिस को भी दोषी ठहराया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सिर्फ रेडियो पर अपने मन की बात कहते है। मगर दूसरों के मन की बात को समझने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में शिकायत भी करे तो किससे। समाज ने दोषी लोगो के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की है।
अजय अत्रि 
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