राष्ट्रीय (07/03/2016) 
शिवरात्री पर शिव भक्तों में देखने को मिला उत्साह

इस बार सोमवार के दिन आई शिवरात्री को लेकर शिव भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है हर तरफ बम बम भोले के जयकारे सुबह से ही मंदिरों में लबी लंबी कतारे लगी हुई है और ऐसे में यमुनानगर जिले में एक नही बल्कि तीन तीन ऐसे प्राचीन शिव मंदिर है यहा लाखों लोग देश विदेश से शिवरात्री के माथा टेकने के लिए आते है वही जिले में अज्ञातवास में यहा पांडवों ने शिवलिंग की पूजा की तो उसकी मान्यता तो देखने से ही बनती है और इसी के चलते आज दिनचर्या में विधानसभा अध्यक्ष भी जलाविशेक करने के लिए पहुंच गए।

शिवरात्री को लेकर शिव मंदिरों की रौनक देखने लायक होती है लेकिन यमुनानगर के तीन मंदिर ऐसे में यहा पर शिव भक्त बडी ही श्रृद्वा से माथा टेकने के लिए आते है यमुनानगर के भाटली शिव मंदिर का अपना ही एक महत्व है और कहा जाता है कि महाभारत के समय यही पर शिव मंदिर में पांडवों ने शिव की पूजा की थी जबकि इससे हटकर बात अगर बूडिया की करे तो यहा के पताल ऐश्वर मंदिर की अपनी महिमा है यह वह मंदिर है यहा पर स्थापित शिव लिंग धरती के काफी अंदर है ओर यह भी काफी प्राचिन मंदिर है जमीन के लगभग 20 फिट से ज्यादा गहराई पर स्थापित इस शिव मंदिर को तभी पताल एश्वर कहा जाता है लेकिन शिवरात्री पर ज्यादातर लोग भाटली के शिव मंदिर में आते है अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने जब से यहा शिव की पूजा अर्चाणा होती रहती है और आज भी सुबह से ही यहा भक्तों का तांता लगा हुआ था और इस कडी में विधानसभा अध्यक्ष कवंरपाल गुज्जर ने भी शिवलिंग पर जल चढा कर भोले बाबा का आर्शिवाद प्राप्त किया ।

इन दोनो मंदिरों से हटकर अगर हम कलेसर स्थित शिव मंदिर की बात करे तो यहा के शिव मंदिर को आज से नही बल्कि काफी प्राचिन मंदिर है और इस मंदिर को कलेसर मंठ के नाम से जाना जाता है यहा पर भी शिवरात्री को भक्तो ंकी लंबी लंबी कतारे लगी होती है और मंदिर में माथा टेकने के लिए शिवरात्री को लोग रात से ही यहा पहुंच जाते हे लेकिन इन सब मंदिरों से ज्यादा शिव भकत भाटली के मंदिर में आते है और रात ही ही शिव लिंग पर जल चढाने के लिए श्रृदालूओं की लंबी लंबी लाइने लग जाती हैै मान्यता है कि शिवरात्री को यहा पर भगवान शंकर का नाग और कबूतर आम देखे जाते है और यह दृश्य हमारे कैमरे में कैद हो गया शिवरात्री के दिन मंदिर के अंदर ही कबूतरों का जोडा भी देखने को मिला और कहा जाता है कि सोमवार की इस शिवरात्री को इन कबूतरों को देखना भी भाग्यशाली है।

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