विशेष (03/06/2022) 
सुप्रीम कोर्ट द्वारा वेश्यावृत्ति पर सुनाए गए नए फैसले पर , हसरत की प्रधान सविता शर्मा ने जताई चिंता
हसरत वेलफेयर सोसायटी की प्रधान सविता शर्मा ने वेश्यावृत्ति पर आए नए फैसले पर बात करते हुए कहा कि, वेश्यावृती को कानूनी मान्यता देना हमारे समाज को गलत राह की ओर ले जाने की तरफ़ प्रेरित करेगा। सविता शर्मा ने कहा कि, माननीय सुप्रीम कोर्ट को इस विषय पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। क्योंकि एक तरफ तो हम अपनी बहु बेटियों के नाच गाने वाले वीडियो को सोशल मीडिया पर डालने का विरोध करते हैं और दुसरी तरफ देह व्यापार को मान्यता देना, कहां तक सही है। क्योंकि कोई भी औरत इस काम में स्वेच्छा से नहीं आती है बल्कि धोखे से लाई गयी होती हैं और इसका सबसे बड़ा कारण होता है जीवन यापन के लिए पैसे की कमी होना। इस फैसले के कारण जो अधिकतर लड़कियां इस दल-दल से निकलना चाहती हैं वह नहीं निकल पाएंगी। साथ ही इस कानून से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बढ़ने का भी डर हैं। आगे जानकारी देते हुए सविता शर्मा ने बताया कि, ट्रैफिकिंग के ज्यादातर मामले दबा दिये जाते हैं, क्यूंकि ये सब अमीर और राजनीतिक वर्ग की नाक के नीचे तथा उनके खुदके निजी स्वार्थ के लिए होते है। सेक्स वर्कर को केवल एक चीज की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
यदि एक महिला को अच्छे रोजगार के अवसर मिलें तो शायद कोई भी महिला इस शर्मनाक काम को करना पसंद ही नहीं करेगी। उन्होंने ने कहा की , अधिकत्तर सेक्स वर्करस एसटीडी का शिकार हो जाती हैं। जिससे उनकी सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार की और भी बीमारियों को लेकर सरकार की तरफ से ना तो कोई जानकारी दी जाती है और ना ही इलाज की व्यवस्था होती है इस समस्या को लेकर सरकार के किसी भी विभाग में उनको कोई भी उचित जानकारी य़ा सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जाती | परिणाम स्वरूप ऐडस जैसी बीमारियाँ आज आम हो चुकी है। दूसरी तरफ पुरूष वर्ग जो अपने हक़ की और अपनी मेहनत की कमायी सेक्स वर्कर्स पर लुटाते हैं जिससे उनके परिवार भी टूट रहे हैं। इन्हीं सब बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सविता शर्मा ने सम्मान  योग्य सुप्रीम कोर्ट से विनती की , इस कानून पर एक बार दोबारा विचार किया जाये। हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते है। उनके फैसलों पर विश्वास और गर्व है। लेकिन इस फ़ैसले को लेकर मान योग कोर्ट को पुनर्विचार करना चाहिए।

पंजाब से राजकुमार शर्मा की रिपोर्ट

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