विशेष (03/06/2022) 
सहकारी कृषि विकास बैंक विवाद : जिसके विरुद्ध आरोप उसी को सौंपा वित्त विभाग
विवादों में चलता आया पंजाब सहकारी कृषि विकास बैंक फिर से चर्चा में आ रहा है। एक दिन पूर्व ही बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर ने अधिकारियों के किए तबादलों में सर्वाधिक जिम्मेदारी और वित्त मामले के अधिकार उस अधिकारी को दे दिए हैं जिसके खिलाफ सर्वाधिक आरोप चल रहे हैं, जिनमें से अधिकतर गबन के आरोप हैं। दिलचस्प बात यह है कि, मैनेजिंग डायरेक्टर ने इन तबादलों की जानकारी न तो विभाग के मंत्री को और न ही सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को दी है। अधिकारियों और कर्मचारियों के कुल 25 तबादले किए गए हैं। इन तबादलों और तैनातियों में शीर्ष पर नाम चर्चित महिला अधिकारी राजविन्द्र कौर रंधावा का है। उन्हें जनरल मैनेजर आप्रेशन और लीगल के साथ-साथ अब अतिरिक्त भार जनरल मैनेजर वित्त और जनरल मैनेजर इंस्पेक्शन का भी दिया गया है। उक्त महिला अधिकारी ऐसी हैं जिनके विरुद्ध अनेक शिकायतें हैं जिनकी जांच चल रही है। पिछली सरकार में विभाग की उन पर मेहरबानी रही कि, शिकायतें फाइलों तक ही सीमित रहीं। 
गबन के आरोप वर्ष 2012 से हैं जो एक-एक करके बढ़ते चले गए। उक्त महिला अधिकारी जब होशियारपुर में कृषि विकास बैंक में रिजनल अधिकारी के तौर पर तैनात थीं , तो तब बहुकरोड़ी गबन हुआ था जिसमें अदालत ने कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी माना था। इस गबन की जांच आगे चली तो वर्ष 2021 में संयुक्त रजिस्ट्रार  सहकारी सभाओं, जालंधर ने अपने 28 जुलाई 2021 को भेजी स्पेशल रिपोर्ट में उक्त महिला अधिकारी को भी दोषी माना और कार्रवाई की सिफारिश की परन्तु कांग्रेस सरकार में मंत्रालय की विशेष कृपा के चलते उन पर कोई कारवाई नहीं हो सकी।  विभाग के सूत्रों के अनुसार उक्त महिला अधिकारी विवादों में तब भी रहीं, जब वह चंडीगढ़ में पंजाब सहकारी कृषि विकास बैंक की जनरल मैनेजर रहीं और रिकार्ड संभालने का एस्टेब्लिशमेंट का छोटा पद भी अपने पास अतिरिक्त भार के रूप में रखा, जबकि जनरल मैनेजर ऐसे पद नहीं संभालते। इस संबंध में पंजाब सहकारी कृषि विकास बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर परमिंदरपाल सिंह से सम्पर्क किया तो, उनका कहना था कि, विभाग में आपसी रंजिश के चलते शिकायतें चलती रहती हैं। उन्होंने कहा कि, बैंक में शायद ही ऐसा कोई अधिकारी बचा होगा, जिसके विरुद्ध गंभीर आरोप न हो।  उन्होंने कहा कि, जब किसी अधिकारी को बैंक तनख्वाह देता है तो उससे काम लेना उनकी जिम्मेदारी है। तबादलों की जानकारी विभाग के मंत्री व रजिस्ट्रार को न देने के जवाब में उन्होंने कहा कि, यह बात उनके अधिकार क्षेत्र की है कि वे मंत्री अथवा रजिस्ट्रार को इसकी जानकारी दें अथवा न  दे |

पंजाब से अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट
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