विशेष (30/06/2022) 
जेलों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरु, दो जेलो की जमीन पर पैट्रोल पंपों का होगा उद्घाटन
लोक लुभावन योजनाएं और राज्य के बढ़ते कर्ज को देखते हुए पंजाब सरकार ने, विभागों को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू कर दी है। हालांकि कुछ विभाग और निगम अभी भी लाभ में चल रहे हैं परंतु सरकार ने अब जेल विभाग को अपने पैरों पर खड़ा होने का, पायलट प्रोजैक्ट शुरू किया है जिसके चलते जेलों की भूमि पर लगने वाले पैट्रोल पंप की शुरूआत जुलाई माह से होने जा रही है।
आरंभ में लुधियाना और फिरोजपुर के पैट्रोल पंप शुरू किए जाएंगे और उसके बाद शेष 10  पेट्रोल पंप चलाए जाएंगे। इसके साथ ही एक बार फिर से जेलों में बंद पड़े उद्योगों को चालू किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि, अपने इन कारोबार से जेल विभाग प्रतिमाह 50 लाख रुपए की कमाई कर सकेगा। जेलों द्वारा की जाने वाली कमाई अब पंजाब सरकार के पास नहीं, बल्कि जेलों के पास ही रहेगी। सरकार तेलंगाना के जेल मॉडल को आधार मानकर जेलों में व्यापारिक गतिविधियां शुरू कर रही है। तेलंगाना को जेलों की व्यापारिक गतिविधियों से 600 करोड़ रुपए की सालाना आय होती है।पंजाब की जेलों की भूमि पर 12 पैट्रोल पंप खोलने का समझौता इंडियन ऑयल द्वारा पिछले साल हो गया था। 12 जेलों की भूमि पर यह पैट्रोल पंप गुरदासपुर, श्री मुक्तसर साहिब, फिरोजपुर, लुधियाना, अमृतसर, संगरूर समेत 6 अन्य जेलों में खोले जा रहे हैं।
जेलों में अच्छे आचरण वाले और रिहा हो चुके कैदियों के पुनर्वास के रूप में उन्हें इन पैट्रोल पंपों पर काम मिलेगा, जिनमें महिला कैदियों को प्राथमिकता दी जाएगी। तमाम 12  पेट्रोल पंप खुलने के बाद जेल विभाग को इन पैट्रोल पंपों से 40 लाख की आय होगी। इंडियन ऑयल जेलों की भूमि पर लगे  पेट्रोल पंपों का किराया भी देगा और बिक्री हुए तेल में से कमिशन भी मिलेगा। आमदन की यह राशि जेलों के कल्याण के लिए तेलंगाना मॉडल को लेकर स्थापित पंजाब प्रिजन डेवलपमेंट बोर्ड के खाते में जाएगी, जबकि अब तक जेलों में व्यापारिक गतिविधियों से प्राप्त आय सरकार के खजाने में जाती थी |

पंजाब से  अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट
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