विशेष (01/08/2022)
पावरकॉम की विभाग कुभकर्णी निंद्रा, खुद ही हादसों को बुलावा दे रहा विभाग
पावरकॉम की नालायकी के कारण पिछले कुछ दिनों में जालंधर के अन्तर्गत 2 व्यक्तियों की करंट लगने के कारण मौत हो चुकी है लेकिन इसके बावजूद भी विभाग कुभकर्णी निंद्रा में सो रहा है जोकि आने वाले समय में किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकता है। कई स्थानों पर हालात ऐसे है कि गलत ढंग से रखे गए ट्रांसफार्मर मौत को खुद ही दावत दे रहे हैं, लेकिन इसपर भी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा। बीते दिनों 2 मौतें हुई, उनमें एक 16 साल का युवक था, जोकि करंट की चपेट में आ गया, इसमें करंट आने के बारे में हादसे से पहले ही पावरकॉम को सूचित किया जा चुका था। इसके बारे में 1912 नंबर पर शिकायत भी दर्ज है, यदि विभाग ने समय रहते कार्रवाई की होती , तो यह हादसा होने से रोका जा सकता था। वहीं, दूसरे हादसे में 35 वर्ष के नौजवान को करंट ने अपनी चपेट में ले लिया। यह हादसा कनैक्ट कंपनी द्वारा गलत ढंग से तारें डालने के कारण हुआ। पावरकॉम के अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है कि जहां पर यह हादसा हुआ, वहां पर तारें डालने के लिए संबंधित कंपनी के पास अधिकार है या नहीं। अधिकारियों द्वारा इस संबंध में रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है जोकि पटियाला भेजी जानी है ताकि संबंधित व्यक्ति को मुआवजा मिल सके। जब भी कोई हादसा होता है तो विभाग द्वारा खानापूर्ति कर दी जाती है जोकि काफी नहीं है, विभाग अपनी जिम्मेदारी से भाग रहा है। अधिकारी एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल कर बचने की कोशिश करते हैं। ऐसे ही एक हादसा पीर बोदला बाजार में हुआ था जहां पर पिता-पुत्र की मौत करंट लगने की वजह से हुई थी।इससे पहले भी एक फोटोग्राफर की मकसूदां थाने के नजदीक नंगी तारों की चपेट में आकर करंट लगने के कारण मौत हो चुकी है जिसके प्रति पावरकॉम को ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसा होने से रोका जा सके। कई स्थानों पर लोगों द्वारा शिकायतें करने के बावजूद समस्या का सामाधान नहीं करवाया जाता है। स्थानीय माॅडल हाऊस में रॉयल पैलेस के नजदीक स्थित दशमेश पब्लिक स्कूल के नजदीक ट्रांसफार्मर के जोड़ हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं। अबादपुरा सब-डिवीजन के अन्तर्गत आते इस इलाके के लोगों का बारिश के दिनों में डर और भी बढ़ जाता है। यहां से पास में स्कूल होने के कारण छोटे-छोटे बच्चे ट्रांसफार्मर के पास से गुजरते है। लोगों द्वारा इस संबंध में कई बार शिकायतें की गई है लेकिन विभाग द्वारा तारों पर टेप करके अपनी जिम्मेदारी पूरी की जा चुकी है। यहां पर कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों का कहना है कि विभाग को ट्रांसफार्मर के चारों तरफ जाली लगवानी चाहिए ताकि कोई भी बच्चा या बड़ा इसकी चपेट में न आ जाए। उनका कहना है कि सड़क से गुजरते समय वाहनों में टक्कर होने के हालात में व्यक्ति तारों की चपेट में आसानी से आ सकता है। यहां अक्सर देखने में आता है कि लोग छोटे बच्चों को ट्रांसफार्मर वाला रास्ता पार करवाने के लिए खुद जाते हैं। करंट लगने से यदि किसी की मौत होती है तो वह मुआवजा लेने के लिए आवेदन कर सकता है, इसके लिए डाक्टरी रिपोर्ट, एफ.आई.आर. की कॉपी सहित कई तरह के कागजात की जरूरत होती है। इसके बाद आयु के हिसाब से लाखों रुपए मुआवजा राशि हासिल की जा सकती है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि मुआवजा देने से किसी व्यक्ति की कमी को पूरा नहीं किया जा सकता। विभाग को इस संबंध में गंभीर होना पड़ेगा। पंजाब से अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट |
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