विशेष (13/08/2022) 
डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों से मृत पशुओं को जमीन में दबाने के, दिशा-निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने को कहा ।
डिप्टी कमिश्नर जसप्रीत सिंह ने बुधवार को वैनटरी अधिकारियों और इन्स्पेक्टरो को लम्पी स्किन रोग के कारण मृतक पशुओं को दबाने के संबंध में दिशा-निर्देशों की सख़्ती से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
डिप्टी कमिश्नर ने अधिकारियों को मृतक पशुओं के निपटारे के लिए जैव सुरक्षा उपाय करने के निर्देश देते हुए कहा कि, भारत सरकार द्वारा जारी सलाह और दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए अन्य संबंधित विभागों के साथ तालमेल  करने के इलावा बीमारी की जाँच और फ़ैलने से रोकने के लिए 29 टीमें बनाई जा चुकी हैं। डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि, इस उद्देश्य के लिए जिला प्रशासन वैनटरी अधिकारियों को सभी आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि, गाइडलाइन के अनुसार मरे हुए जानवर को जमीन में दबाने के लिए गड्ढे का आकार जानवर के आकार से बड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के प्रति अधिक से अधिक किसानों और डेयरी मालिकों को जागरूक करने के लिए जागरूकता पहल को भी तेज किया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पशुपालन डायरेक्टर द्वारा फील्ड अधिकारियों को जारी की गई सलाह के रोग के कारण मृत मवेशियों के निपटारे के लिए खोदे गए गड्ढे मानव आबादी और जल स्रोत से कम से कम 250 मीटर की दूरी पर होने चाहिए, मृतक जानवरों को निचले इलाकों और बाढ़ संभावित क्षेत्रों में गड्ढों में नहीं दबाना चाहिए। गड्ढे का आकार भी मरे हुए जानवर के आकार के अनुसार होना चाहिए, ताकि उसके शरीर के सभी अंग पूरी तरह से गड्ढे के अंदर हो और उसे दबाने के बाद गड्ढे को ढकने के लिए कम से कम तीन फीट मिट्टी ऊपर से डाली जा सके। मृत जानवर के नीचे और ऊपर चूने की कम से कम दो इंच की परत होनी चाहिए।

पंजाब से अश्वनी ठाकुर की रिपोर्ट

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