विशेष (17/07/2023) 
बाढ़ के कारण मरने वाले लोगों के आश्रितों को दिल्ली सरकार एक-एक करोड़ का मुआवजा दे।- चौ0 अनिल अनिल कुमार
नई दिल्ली, 17 जुलाई, 2023 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली के प्रति बेरुखी और राजनीतिक अकांक्षाओं की पूर्ति की एकतरफा सोच ने दिल्ली को बाढ़ के संकट में धकेल दिया है। दिल्ली सरकार यदि समय रहते लोगों को बाढ़ के खतरे की सूचना दे देती तो दिल्ली के लोगों को इतना अधिक नुकसान नही झेलना पड़ता। उन्होंने कहा कि सड़को पर बारिश और बाढ़ का पानी आने से किसानों, बड़े व्यापारियों, लघु, छोटे कारोबारियों, सहित मजनू का टीला से बदरपुर तक सड़कों व रेहड़ी पटरी लगाने वाले वाले लोगों का भी बड़ा नुकसान हुआ है। बाढ़ से हुए नुकसान के आंकलन के लिए दिल्ली सरकार उच्च स्तरीय कमेटी गठित करके सर्वे कराऐं और पीड़तों को राहत देने हेतू बड़ी घोषणा करे, सरकार द्वारा 10 हजार रुपये राहत की घोषणा नकाफी है।  प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की मानसून में मरने वाले लोगों के आश्रितों को दिल्ली सरकार एक-एक करोड़ का मुआवजा दे।

संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक श्री जय किशन, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक श्री अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक श्री हरी शंकर गुप्ता, बूथ मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन श्री राजेश गर्ग, कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन श्री अनुज आत्रेय और श्री विक्रम लोहिया भी मौजूद थे।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ के बाद सरकार के सामने बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास, महामारी फैलने का खतरा, जलभराव वाली जगहों से मलबा सफाई और यमुना से समीप रह रहे लोगों को हुए भारी नुकसान की भरपाई करना सबसे बड़ी चुनौती है। परंतु अफसोस मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली पर आए हर संकट के समय पूरी तरह विफल साबित रहे है चाहे वह 2020 में दिल्ली में हुए दंगे हो, कोविड महामारी हो या दिल्ली में आई भीषण बाढ़। केजरीवाल हर बार दिल्लीवालां के लिए कसौटी पर शून्य साबित हुए है, क्योंकि हर बार जवाबदेही से बचने के लिए लोगों का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री विषय परिवर्तित करके आरोप प्रत्यारोप करना शुरु कर देते है। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी संकट के समय जनता को सुरक्षा देने की है लेकिन पिछले 9 वर्षों अरविन्द केजरीवाल पूरी तरह निष्क्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए है।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली के स्वास्थ्य एवं बाढ़ मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बाढ़ को लेकर आरोप लगाने का काम तो बखूबी निभाया लेकिन अभी तक बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की क्या व्यवस्था है, इस कोई बड़ी घोषणा नही की है जिसके कारण सरकार के प्रति दिल्ली की जनता की उग्रता स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में चुनी हुई सरकार और सुविधाऐं होने के बावजूद दिल्ली में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी, बचाव और राहत पहुॅचाने में विफल होकर आर्मी द्वारा मोर्चा संभालने से केजरीवाल सरकार की नाकामी दिल्लीवालों के समक्ष उजागर हो चुकी है।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि यमुना बाजार इलाके में राजघाट को आईएसबीटी, कश्मीरी गेट से जोड़ने वाले अंडर-ब्रिज सड़क मलबे और गायों व भैंसों के शवों के कारण बंद हो गई है। उस्मानपुर, घड़ी मेंडु गांव, पुश्ता जैसे इलाकों पिछले तीन दिनों से प्रशासन की ओर से कोई भी इन शवों को उठाने नहीं आया। गायों व भैंसो के शव संक्रमित होने लगे हैं, इससे क्षेत्र में महामारी फैलने के हालात बन गई है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दस हजार रूपए की मदद की घोषणा तो कर दी लेकिन मोनेस्ट्री मार्केट, जमुना बाजार, ओखला, राजघाट, आईटीओ के व्यापारी और चिल्ला खादर, उस्मानपुर, खड्डा कॉलोनी, सिविल लाइन, बाबरपुर खादर, यमुना खादर के किसानों के लिए किसी भी राहत पैकेज की घोषणा अभी तक नहीं की। सरकार तत्काल प्रभाव से इन लोगों के लिए एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा करें।

चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में सरकार नही सर्कस चला रहे है, हर जनता से जुडे़ हर मुद्दे पर वे विपक्ष या उपराज्यपाल से मतभेद करते दिखाई देते है। बाढ़ से पूर्व 10 जुलाई को उन्होंने बयान दिया कि बाढ़ से कोई संकट नही और 12 जुलाई को दिल्ली में बाढ़ ने खतरनाक रुप ले लिया। पहले भाजपा के साथ समन्वय की बात करते है, एक दिन बार कठघरे में खड़ा करते है। यह केजरीवाल की नौटंकी नही तो क्या है। ट्वीट के जरिए सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री और उनके मंत्री दिल्ली की वास्तविकताओं को नजरअंदाज करके सभी फैसले दस्तावेजों में पूरे करते है उन्हें दिल्ली वालों के संकट से कोई लेना देना नही है।
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