विशेष (25/07/2023) 
एनसीबी के साथ सहभागिता अनुसंधान को प्रेरित करेगी: प्रो. सुशील कुमार तोमर कुलपति
विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद और राष्ट्रीय सीमेंट और भवन निर्माण सामग्री परिषद (एनसीबी), बल्लभगढ़ के बीच समझौता किया गया है। यह समझौता सिविल इंजीनियरिंग और संबद्ध विषयों में सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास गतिविधियों के संचालन को सुविधाजनक बनायेगा। 

समझौते पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. सुनील कुमार गर्ग और एनसीबी के महानिदेशक डॉ. एल.पी. सिंह ने कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।
कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की तथा समझौते को अनुसंधान-उन्मुख लक्ष्यों के साथ सम्बद्ध करने की आवश्यकता पर बल दिया। 

सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं पर बोलते हुए प्रो. तोमर कहा कि एनसीबी के साथ सहभागिता सिविल इंजीनियरिंग और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान को प्रेरित करेगी। प्रो. तोमर ने सहयोगात्मक अनुसंधान परियोजनाओं के माध्यम से प्रतिष्ठित फंडिंग एजेंसियों से अनुसंधान अनुदान हासिल करने की क्षमता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक अनुसंधान तथा नवाचारों को आगे बढ़ाने में वित्त पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए, दोनों संस्थाएं मिलकर अवसरों का लाभ उठाने की दिशा में काम कर सकती है।

एनसीबी के महानिदेशक डॉ. एल.पी. सिंह ने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए सहयोग की पेशकश करते हुए कहा कि इस साझेदारी से विश्वविद्यालय के छात्रों को एनसीबी की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं में काम करने का अवसर मिलेगा। व्यावहारिक अनुभवों से छात्रों को अपने भविष्य के करियर के लिए कौशल हासिल करने में मदद मिलेगी। 
प्रो. सुशील कुमार तोमर और डॉ. एल.पी. सिंह ने दोनों पड़ोसी संस्थानों के बीच भौगोलिक लाभ को स्वीकार किया, जो दोनों संस्थानों के लिए संसाधनों, ज्ञान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। उन्होंने औद्योगिक प्रासंगिकता के साथ संयुक्त अनुसंधान एवं विकास और नवाचार परियोजनाओं के महत्व पर प्रकाश डाला, जिन्हें फंडिंग एजेंसियों द्वारा साझेदारी में वित्त पोषित किया जा सकता है। डॉ. एल.पी. सिंह ने विश्वविद्यालय के छात्रों को एनसीबी में उपलब्ध अत्याधुनिक अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि यह छात्रों को उन्नत अनुसंधान करने और सिविल इंजीनियरिंग क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान करने के लिए सशक्त बनाएगा।

इस अवसर पर निदेशक (आरएंडडी) प्रो. नरेश चौहान, डीन एफईटी प्रो. राजकुमार, डीन (अकादमिक) प्रो. आशुतोष दीक्षित, सिविल इंजीनियरिंग की विभागाध्यक्ष (प्रभारी) डॉ. रजनी सग्गू और एनसीबी के प्रतिनिधि श्री कपिल कुकरेजा और श्री अंकुर मित्तल, तथा सिविल इंजीनियरिंग विभाग के संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।

समझौते का उद्देश्य विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए इंजीनियरिंग और विज्ञान के क्षेत्र में इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के अवसरों को सुविधाजनक बनाना है। इसके अलावा, यह दोनों संस्थानों के बीच प्रयोगशाला संसाधनों, संयुक्त सेमिनारों, कार्यशालाओं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मेलनों के माध्यम से आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा, जिससे शिक्षा और उद्योग विशेषज्ञों के बीच परस्पर ज्ञान साझाकरण और नेटवर्किंग को बढ़ावा मिलता है।

दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय गौड़ की विशेष रिपोर्ट 

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