विशेष (21/10/2023) 
शिक्षकों और प्राचार्यो को माता जीजाबाई शिक्षक सम्मान से किया सम्मानित
दिल्ली अध्यापक परिषद और विश्वरूप एजुकेशन ने किया शिक्षकों और प्राचार्यो को माता जीजाबाई शिक्षक सम्मान से सम्मानित* आज दिनांक 08 अक्टूबर 2023 को एन डी एम सी कन्वेंशन सेंटर में विश्वरूप एजुकेशन ने दिल्ली अध्यापक परिषद् के सहयोग से दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के के शिक्षकों को *मां जीजाबाई शिक्षक सम्मान 2023* से उन सामाजिक विज्ञान शिक्षकों और इतिहास तथा राजनीतिक विज्ञान शिक्षकों को जिनके सीबीएसई बोर्ड के 10वीं 12वीं बोर्ड का रिजल्ट 100% रहा इसके साथ ही यूपीएसी के माध्यम से चयनित नव प्राचार्यों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्ज्वलित कर मां भारती की वंदना के साथ हुआ। स्कूल के छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा समारोह को रंगीन बनाया। कार्यक्रम में शिक्षा निदेशक दिल्ली सरकार श्री हिमांशु गुप्ता जी की गरिमामय उपस्थिति रही। प्रोफेसर सरोज शर्मा जी चेयरपर्सन NIOS ने नई शिक्षा नीति की प्रासंगिकता को समझाया गुरु शिष्य परंपरा को सार्थक बनाने का आवाह्न किया और भारत को विश्वगुरु बनाने का मार्ग प्रशस्त करने को अपनी जिम्मेदारी निभाने को कहा। श्री मान शिक्षा निदेशक जी ने प्राचार्यो को संबोधित करते हुए कहा कि आप प्रशासन और छात्रों के बीच की कड़ी हैं आपकी मेहनत से ही सही तरह से शिक्षा को बढ़ाना है क्योंकि जिस स्कूल को आप डील कर रहे हैं वहां हम शिक्षक और प्राचार्य ही उनके पैरेंट्स हैं। डॉ. राकेश कुमार अग्रवाल जी डेप्युटी डायरेक्टर ICAR ने तथ्यों के आधार पर भारत उन्नति की बात रखी कि किस प्रकार विकसित भारत का निर्माण किया जा सकता है। अध्यक्ष दिल्ली अध्यापक परिषद् के अध्यक्ष श्री वेद प्रकाश जी ने दिल्ली अध्यापक परिषद् संगठन के कार्यों और उसके विस्तार के बारे में बताया कि किस तरह अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ ने 1अगस्त 2021को देश के लगभग 2 लाख चार हजार विद्यालयों और महाविद्यालयों में आजादी के अमृत महोत्सव को एक ही दिन में पूरे देश में एक साथ मनाया और देश के स्वतन्त्रता सेनानी और उनके परिवार जनों को सम्मानित किया। दिल्ली अध्यापक परिषद् के संरक्षक श्री जय भगवान गोयल जी ने शिक्षकों प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में शिक्षा व्यवस्था यांत्रिक  न होकर भावनात्मक लगाव की हो। उन्होंने अध्यापक परिषद् के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि शिक्षा छात्र हित और राष्ट्र हित के अनुरूप हो। उन्होंने प्रधानाचार्य को कहा कि आप प्रधान आचरण करने वाले हैं। आपके कार्य और व्यवहार से शिक्षा का सर्वांगीण विकास संभव है आपका आचरण मानवीय सरोकारों से युक्त हो। उन्होंने मां जीजाबाई शिक्षक सम्मान की सार्थकता के संदर्भ में वीर शिवाजी के  बारे में बताया कि किस प्रकार उनकी मां जीजाबाई ने शिवाजी के अंदर राष्ट्र प्रेम के साथ माननीय गुणों और महिलाओं का सम्मान करने की शिक्षा दी। एक बार उनके सैनिक शिविर में युद्ध में जीती हुई मुस्लिम महिला को लेकर आए तो शिवाजी ने सैनिकों को फटकार लगाई और महिला को मां कहकर संबोधित किया और  ससम्मान उसको उनके घर वापस भिजवाया। तात्पर्य है कि शिक्षा में महिलाओं और बहनों को समानित करने का भाव होना चाहिए। पूरी दिल्ली के शिक्षकों के साथ में जिन एन डी एम सी के शिक्षकों को सम्मान मिला उनमें शिवेन्द्र सिंह चौहान प्रवक्ता इतिहास , हरी ओम प्रवक्ता राजनीति विज्ञान , संजीव कुमार प्रवक्ता भूगोल, आशा रानी पठानियां प्रवक्ता इतिहास, रीना रावत टीजीटी , हेमलता जूली टीजीटी , तरुणा दीवान टीजीटी, भूपिंदर कौर टीजीटी, कविता जैन टीजीटी, ज्योति अरोड़ा टीजीटी, सुषमा टीजीटी सम्मिलित हैं। कार्यक्रम एन डी एम सी कन्वेंशन सेंटर में हुआ किसको सफल बनाने में दिल्ली अध्यापक परिषद् के जिन कार्यकर्ताओ ने सहयोग प्रदान किया उनमें इन्दु राठी जी महिला मंत्री दिल्ली प्रांत, संगठन मंत्री हरीश रावत, महिला उपाध्यक्ष अंजू बाला , महिला मंत्री मोनिका मीना, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. वी पी सिंह , और सदस्य के रुप में कुंदन रावत, रमेश कुमार मीना, दिनेश्वर प्रसाद, अवनीत चौधरी तथा राघवेन्द्र त्रिपाठी शामिल थे।
दिल्ली से ब्यूरो चीफ  विजय गौड़  की विशेष  रिपोर्ट 
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