विशेष (21/11/2023) 
कमेटी गठन के 10 माह बाद भी हरियाणा बिजली नियामक आयोग ( एच.ई.आर.सी.) में सदस्य (लॉ ) की नियुक्ति लंबित
चंडीगढ़ -- गत माह  23 अक्टूबर 2023 को हरियाणा के ऊर्जा (एनर्जी) विभाग द्वारा    बिजली अधिनियम (कानून), 2003 की धारा 85 (1) के अंतर्गत  जारी एक गजट नोटिफिकेशन मार्फत    हरियाणा बिजली नियामक आयोग ( एच.ई.आर.सी.) के नये चेयरमैन के चयन के लिए  तीन सदस्यीय चयन कमेटी  का गठन किया गया  जिसमें  हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज एच.एस. भल्ला ( जो हरियाणा लॉ कमीशन के चेयरमैन और कमिश्नर, हरियाणा गुरुद्वारा चुनाव  भी हैं )  को उक्त कमेटी   का  चेयरमैन जबकि हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और चेयरमैन, केंद्रीय  बिजली नियामक आयोग (सी.ई.आर.सी.)  के चेयरमैन दोनों को उक्त चयन समिति  का  सदस्य नियुक्त किया गया. 

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत  कुमार ने आधिकारिक जानकारी एकत्रित कर बताया कि बताया कि वह अत्यंत हैरान है की इसी वर्ष 17 जनवरी 2023 को बिजली विभाग द्वारा एच.ई.आर.सी. में एक  सदस्य (लॉ पृष्ठभूमि) के  चयन के लिए एक अलग  तीन सदस्यीय चयन समिति का गठन किया गया  था जिसमें हालांकि  हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज नवाब सिंह   को उक्त समिति  का  चेयरमैन जबकि हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और चेयरमैन, केंद्रीय  बिजली प्राधिकरण (सी.ई.ए.)  के चेयरमैन दोनों को उक्त चयन समिति  का  सदस्य नियुक्त किया गया था हालांकि आज तक उक्त कमेटी ने  सदस्य पद के लिए चयन प्रक्रिया पूरी नहीं की है. कानूनन इस कमेटी को तीन माह के भीतर सदस्य पद के लिए दो नामों का पैनल तैयार कर  प्रदेश सरकार को सौंपना था. 

हेमंत ने बताया कि गत दो वर्षो से एच.ई.आर.सी. में सदस्य (लॉ पृष्ठभूमि) का एक  एक पद रिक्त है. कुछ वर्ष पूर्व सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक निर्णय में दिए गये  निर्देश के फलस्वरूप हर राज्य बिजली नियामक आयोग में एक सदस्य लॉ (विधि ) पृष्ठभूमि से नियुक्त करने की व्यवस्था की गयी.


 गत  माह 6 अक्टूबर तक  एच.ई.आर.सी. के एक रिक्त पड़े सदस्य  पद के लिए भी इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किये गये थे. गत वर्ष हालांकि 28 दिसम्बर 2022 को हालांकि  एच.ई.आर.सी. के इस  रिक्त पड़े सदस्य  पद के लिए इस वर्ष 17 जनवरी 2023 तक आवेदन मांगे गये थे परन्तु कुछ समय पूर्ण उक्त तारिख को गत  माह 6 अक्टूबर 2023 तक बढ़ा दिया गया था. 

वहीं  एच.ई.आर.सी. के चेयरमैन पद के लिए, जो गत दिनों 22 अक्टूबर 2023 को निवर्तमान चेयरमैन आर.के. पचनंदा की 65 वर्ष की आयु पूरी  होने के कारण रिक्त हो गया था, के लिए  इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवारों से हालांकि गत  माह  12 अक्टूबर 2023 तक आवेदन आमंत्रित किये गये थे. 

अब यह भी देखने लायक है कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार एच.ई.आर.सी.  के चेयरमैन के लिए चयन समिति की गठन नोटिफिकेशन  23 अक्टूबर 2023 को जारी करती है जबकि रिक्त पड़े चेयरमैन और सदस्य पद के लिए इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवारों से आवेदन उससे पहले की तारीखों तक आमंत्रित  किये जाते है. यहीं नहीं 23 अक्टूबर 2023 को हरियाणा के उर्जा विभाग द्वारा जारी  गजट नोटिफिकेशन में बिजली कानून, 2003 को वर्ष  2003 का कानून संख्या 57 दर्शाया गया है जबकि वह वर्ष  2003 का कानून संख्या 36 है. 

हेमंत ने बताया की आज से दो वर्ष पूर्व अक्टूबर, 2021 में एच.आई.आर.सी. के तत्कालीन सदस्य  परविंद्र सिंह चौहान, एडवोकेट, जिन्हें वर्ष 2018 में मनोहर लाल  खट्टर सरकार द्वारा  5 वर्षो के लिए अर्थात वर्ष  2023 तक एच.आई.आर.सी. का सदस्य नियुक्त किया गया था, उन्होंने उनका कार्यकाल समाप्त होने के दो वर्ष पहले ही पद से त्यागपत्र दे दिया था जिसके बाद उन्हें तुरंत हरियाणा सरकार द्वारा   प्रदेश के एडवोकेट जनरल ( महाधिवक्ता). कार्यालय में  2 लाख रुपये  प्रतिमाह की  कॉन्ट्रैक्ट  ( अनुबंध) फीस  पर  बतौर सीनियर एडिशनल एडवोकेट  जनरल के पद पर लगाया गया. चौहान गत दो वर्षों से सरकार वकील के तौर पर  हाई कोर्ट में हरियाणा  सरकार की पैरवी कर रहे हैं एवं   इसके साथ वह निजी केस, जिनमें हरियाणा सरकार पार्टी न हो, उनकी पैरवी करने के लिए भी स्वतंत्र है.  गत दो वर्षो से  एच.आई.आर.सी. में एक ही सदस्य नरेश सरदाना कार्यरत है जबकि कानूनन चेयरमैन के अतिरिक्त  दो सदस्य होते है.

बहरहाल, हेमंत ने एक रोचक परन्तु महत्वपूर्ण कानूनी पॉइंट उठाते हुए बताया कि बेशक एच.आई.आर.सी.  में चेयरमैन और सदस्य की नियुक्ति  भारतीय  संसद द्वारा बनाये गये  बिजली  अधिनियम, 2003 की धारा 82 और 89 में की जाती है   परन्तु यहाँ ध्यान देने योग्य है कि उक्त 2003 कानून के अनुच्छेद में देश के नौ राज्यों- ओडिशा, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, दिल्ली, मध्य प्रदेश और गुजरात  द्वारा वर्ष 1995 से 2003 के दौरान  बनाये गए प्रदेश बिजली सुधार कानूनों को भी वैध और सम्बंधित राज्यों पर लागू माना गया है बशर्ते उनकी प्रासंगिक धाराओं और  उपरोक्त 2003 अधिनियम की धाराओं में अंतर्विरोध न हो. 

अब हरियाणा विधानसभा द्वारा बनाये गए हरियाणा  बिजली सुधार अधिनियम, 1997 की धारा 6 में  स्पष्ट उल्लेख है कि एच.आई.आर.सी. में किसी भी व्यक्ति को सदस्य (चेयरमैन सहित ) के तौर पर  62 वर्ष की आयु बाद नहीं नियुक्त नहीं किया जाएगा ताकि उसका  न्यूनतम तीन वर्षो का कार्यकाल हो.  हरियाणा के उपरोक्त 1997 कानून  की आज तक राज्य सरकार द्वारा अनुपालना की जा रही है क्योंकि एच.ई.आर.सी. के मौजूदा चेयरमैन और सदस्यों के सेवा-शतों के नियम  भी इसी कानून के प्रावधानों में बनाये गए है जिनमें समय समय पर संशोधन किया जाता रहा है.   

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