विशेष (25/12/2023) 
कुश्ती के बाद खो-खो फेडरेशन के खिलाफ भी खिलाडियों की लडाई जतंर-मंतर पहुंची।
नई दिल्ली,25 दिसंबर। भारतीय कुश्ती संघ के ताजा विवाद के उपरांत अब खो-खो फेडरेशन के खिलाफ भी खिलाडियों ने अपना मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को खो-खो फेडरेशन के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल और सचिव एमएस त्यागी के खिलाफ भ्रष्टाचार और तानाशाही का आरोप लगाते हुए खो-खो खिलाडियों ने इनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। 
खो-खो फेडरेशन के पूर्व महासचिव सुरेश शर्मा ने प्रदर्शन के दौरान वर्तमान मंे अध्यक्ष और सचिव पर करोडो रूपये की धांधली और तानाशाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खो-खो फेडरेशन पिछले दिनों इंग्लैंड में त्रिकोणीय श्रंखला के नाम पर खिलाडियों को इंग्लैंड ले गई थी। जहां केवल एक पार्क में मैच आयोजित किए गए तथा उसके नाम पर खेल मंत्रालय को दिए गए व्यय बिल में लाखो रूपये की धांधली की गई। जिसकी जांच खेल मंत्रालय द्वारा की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि खो-खो फेडरेशन की लीग आयोजित की जा रही है। इसका पैसा किसको दिया जा रहा उसकी जानकारी भी आम नहीं की गई है। यह पैसा किसके खाते मंे जा रहा है, पता नहीं। 
अध्यक्ष सुंधाशु मित्तल ने भारतीय ओलंपिक संघ को एक हाॅल बनाने के लिए करीबन 60 लाख रूपया दिया था। यह पैसा कहां से दिया गया और किस खाते से दिया गया, इसकी जानकारी भी फेडरेशन ने आमसभा में नहीं दी।
उन्हांेने यह भी आरोप लगाया कि जब आईओए को लाखों रूपया दिया जा सकता है, तो खिलाडियों से चयन टृायल के नाम पर पैसा क्यों लिया जा रहा है। दूसरा खो-खो लीग में अपने चहते व परिवार के खिलाडियांे का चयन करवाया जा रहा है। 
सुरेश शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि अध्यक्ष और महासचिव दोनों ही खेल संघो के साथ घालमेल कर अपने-अपने पदों पर बनें हुए है। जबकि खो-खो फेडरेशन के नियमों से वह किसी ना किसी राज्य संघ के सदस्य होने चाहिए, मगर राज्यों की नई इकाइयां बनाकर अपने को पदों पर कायम किए हुए है। 
यहीं नहीं अध्यक्ष और सचिव दोनों ही भारत सरकार के खेल नियमों के तहत भी गलत तरीके से लगातार पदों पर बनें नहीं रह सकते है। लेकिन फिर भी वह सालों से पदों पर कायम है। जिससे सीधे-सीधे खेल कोड का उल्लंघन हुआ है। 
उन्होंने कहा कि पदों पर बने रहने के लिए वह एक के बाद एक गलत तरीके अपना रहें है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश,दिल्ली,हरियाणा,राजस्थान गुजरात तथा कई अन्य राज्यसंघों में मान्यता प्राप्त को हटाकर नये-नये खेल संघों को मान्यता दे दी गई है। जिससे राज्य इकाइयों में विरोध शुरू हो गया है।
उन्होंने कहा कि हमारी लडाई खेल संघ में गलत तरीके से कायम अध्यक्ष और महासचिव के खिलाफ हैं। दूसरा खिलाडियों के साथ अपनाये जा रहे सौतेले व्यवहार को लेकर है। उन्होंने उम्मीद जताई, अगर सरकार खो-खो फेडरेशन  के खिलाफ जांच करवाती है तो सच और झुठ का पर्दाफाश हो जायेगा।

दिल्ली से विजय कुमार की रिर्पोट
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