विशेष (26/02/2024) 
अयोध्या की तरह मथुरा में भी अतिक्रमण मुक्त हो श्रीकृष्ण जन्मभूमि, बने भव्य मंदिर - देवकीनंदन महाराज
दिल्ली/मथुरा । श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिकरण के संकल्प के साथ देवकीनंदन महाराज द्वारा दिल्ली में आयोजित ‘सनातन संत संसद’ में जगद्गुरू शंकराचार्य, प्रख्यात कथाकार, संत-महंत, महामंडलेश्वर, अधिवक्ताओं ने ‘सनातन धर्म’ की वर्तमान चुनौतियों और आगामी रणनीति पर अपने विचार रखे । धर्माचार्यों ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा के लिये एकमत से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रेय देते हुये आभार पत्र जारी किया । वहीं मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर को अतिक्रमण मुक्त कराने सहित पाँच मुख्य माँगे भी रखीं । 

रविवार को दिल्ली पटपड़ गंज के उत्सव मैदान में धारा 144 लागू होने के बाद भी बड़ी संख्या में सनातनी लोग ‘संत संसद’ के वक्ताओं को सुनने पहुँचे । प्रियाकान्तजु मंदिर संस्थापक देवकीनंदन ठाकुरजी महाराज ने आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरीजी महाराज की अध्यक्षता में ‘सनातन संत संसद’ का शुभारम्भ करते हुये अयोध्या के बाद आगे क्या ? से बात प्रारम्भ की । उन्होने कहा कि मुगल आक्रान्ताओं ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मंदिर तोड़कर मस्जिद बनायीं, केशव देव विग्रह को आगरा में मस्जिद की सीढ़ियों दबा दिया । सनातनियों के लिये यह असहनीय है, इसमें त्वरित न्याय मिलना चाहिये । 

संत संसद में रखीं ये 5 माँगें - 
देवकीनंदन महाराज ने मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्तिकरण एवं आगरा जामा मस्जिद से केशव देव प्रतिमाओं की वापसी, 2. देश में ईशनिंदा कानून की आवश्यकता एवं रामायण-गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ के रूप में मान्यता, 3. सनातनी मंदिरों से सरकारी नियंत्रण से छूट तथा मंदिर कोष द्वारा गुरूकुलम एवं सनातनी शिक्षा की व्यवस्था, 4. जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने तथा सनातनी युवक-युवतियों को विवाह हेतु धर्मान्तरण पर रोक, एवं 5. समाज को पथभ्रष्ट एवं चरित्र नाश करने वाले अश्लील चलचित्र/गीत/वैब सीरीज पर रोक लगाने के पाँच मुद्दे संतो के सामने रखे, जिन पर धर्माचार्यों ने अपनी सहमती जताते हुये अपने विचार प्रकट किये । 

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि केवल व्हाटसएप पर ही सनातनी बनने से काम नहीं चलेगा । जिस तरह से सनातन धर्म और ग्रंथों पर मनमानी टिप्पणी करने की आजादी मिल रही है, ईषनिंदा कानून लागू करके इस पर रोक लगानी चाहिये । 

द्वारकापीठ शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती महाराज ने आनलाईन सम्बोधन में कहा कि यह सनातन के लिये अनुकूल समय है, इसका लाभ लेकर लंबित मुद्दों का समाधान करवाना चाहिये । सारे प्रमाण शास्त्रों में विद्यमान हैं, मथुरा-वृन्दावन परमात्मा श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है । शास्त्र, प्रसिद्ध और परम्परा में भी प्रमाण विद्यमान हैं । 
आवश्यकता है कि सभी सारे हिंदु धर्मालम्बी और धर्माचार्य दलगत राजनीति छोड़कर, श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर निर्माण मंे सहयोग करें ।  
 
सुप्रीम कोर्ट ज्ञानवापी मुकदमा लड़ रहे अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा तहखाने में व्यास परिवार की पूजा की अनुमति मिली है, उसी तरह कृष्ण जन्मभूमि केस में भी 6 से 8 महीनों के अंदर जीत की स्थित में होंगे । आगरा जामा मस्जिद सीढ़ियों में केशवदेव भी वापस लायेंगे । 

रामकथा प्रवक्ता चिन्मयानंद बापू ने कहा मुगल आक्रान्ताओं ने हमारी धार्मिक मंदिरों, संस्कृति को नष्ट किया, आज नये आतंकी इंटरनेट के माध्यम से सामाजिक, पारीवारिक संस्कृति को नष्ट कर रह हैं । ऐसे वैबसीरीज, चलचित्रों पर तत्काल रोक लगनी चाहिये ।   

साध्वी प्राची ने कहा कि काॅलेजों में नैतिक शिक्षा जरूरी है लकिन घरों में बच्चों को धार्मिक शिक्षा जरूरी है। अयोध्या की हनुमान गढ़ी महंत राजू दास ने कहा कि हिंदु इतनी सहिष्णु हो गये हैं कि रामचरित्र मानस जला दी जाये तो भी हम विरोध नहीं करते । सनातन धर्म संस्कृति की बुराई पर जवाब देना चाहिये । 

गौसेवक गोपालमणी महाराज ने कहा कि जब तक हिंदु सनातनी संघठित नहीं होगें तब तक न्याय के लिये इन्तजार लम्बा होता रहेगा । मलूक पीठाधीश्वर राजेन्द्रदास महाराज ने आॅनलाईन वक्तव्य में कहा कि सभी कृष्णभक्त हिंदुओं को सारे भेद भुलाकर सनातन को आगे रखने वाले राजनेताआंे को सरकार में आगे लाना चाहिये । 

नरेन्द्र मोदी को दिया राम मंदिर का श्रेय, जताया आभार -
 ‘सनातन संत संसद’ में देवकीनंदन महाराज ने सभी की ओर से अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण एवं प्राण प्रतिष्ठा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को श्रेय देते हुये धन्यवाद प्रकट किया । प्रमुख संतजनों ने हस्ताक्षर युक्त आभार पत्र तैयार किया, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुॅंचाया जायेगा ।

आचार्य कौशिक महाराज, महामण्डलेश्वर स्वामी यतिदानंद, दाती महाराज, स्वामी श्री चिदंबरानन्द, चेतन अरुणपुरी, नवलगिरी महाराज, शिवप्रेमानद महाराज, जितेंद्रजी महाराज, कृष्णानन्द महाराज, स्वामी श्रीजी महाराज, आदित्यनंद महाराज, नवल किशोरी दास, यतींद्रानंद महाराज, एडवोकेट श्री विष्णु शंकर जैन, धर्मरक्षा संघ के सौरभ गौड़, महंत मोहिनी बिहारी शरण, श्री हरिदास, दिवाकर पुरी, दीनबन्धुदास जी महाराज, स्वामी सत्यमित्रानंद, महंत फूलडोल बिहारीदास, गोपालशरण देवाचार्य महाराज सहित दजर्नों संत-मंहत, कथाकार एवं धर्माधिकारी उपस्थित रहे । 
कथा के बीच पहँुचकर दिया समर्थन - 

पंडित प्रदीप मिश्रा जी, गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज, संजीव कृष्ण ठाकुरजी महाराज, इन्द्रेश महाराज, पूर्व क्रिकेटर और सांसद श्री गौतम गंभीर, अभिनेत्री अदा शर्मा, अभिनेता प्रणव मिश्रा, पत्रकार मनीष कश्यप, महंत श्री राम मंगल दास, भजन गायिका अंजलि द्विवेदी, शीतल पांडेय, भागवत पीठाधीश्वर आचार्य श्री देशमुख जी, विश्व हिन्दूपरिषद् से दीपक गुप्ता, प्रान्त प्रमुख नरेंद्र जी आदि ने कथा मंें पहुँकर मथुरा श्रीकृष्णजन्मभूमि मुक्तिकरण अभियान को समर्थन दिया ।
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