राष्ट्रीय (17/09/2012) 
संयुक्त इलैक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल कार्यशाला
आज नागपुर स्थित अनुरक्षण कमान के मुख्यालय में इलैक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल कार्यशाला आरम्भ हुई, जिसमें वायुसेना, असैनिक उद्योग और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिस्सा ले रहे हैं।

इलैक्ट्रॉनिक युद्ध कौशल के तहत, इलैक्ट्रोमैग्नेटिक स्पैक्ट्रम या रेडियो तरंगों को विभिन्न फ्रीक्वेंसियों में प्रभावशाली रूप से इस्तेमाल करके अपने सुरक्षा बलों को सहायता पहुंचाई जाती है। इसका एक काम दुश्मन को इस तरह के इस्तेमाल से रोकना भी है। इसके तहत रेडियो तरंगों को राडारों, संचार उपकरणों, अस्त्र-शस्त्र मार्गदर्शन, निगरानी, जैमर इत्यादि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय यह युद्ध जीतने का एक प्रमुख तरीका बन गया है।

कार्यशाला का उद्घाटन अनुरक्षण कमान के एयर ऑफिसर कमाण्डिंग-इन-चीफ एयर मार्शल जगदीश चंद्र ने किया। उन्होंने कहा कि इस समय इलैक्ट्रो मैग्नेटिक स्पैक्ट्रम सैन्य जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। हम युद्ध उसी समय जीत सकते हैं जब स्पैक्ट्रम का श्रेष्ठ इस्तेमाल करना हमको आता हो।

उल्लेखनीय है कि कार्यशाला का आयोजन वरिष्ठ अनुरक्षण स्टाफ अधिकारी शाखा द्वारा किया गया है, जिसका नेतृत्व एयर मार्शल एस. श्रीराम करते हैं और शाखा को मार्गदर्शन तथा समन्वय एयर वाइस मार्शल डी.के. पांडे द्वारा प्रदान किया जाता है। इस दो दिवसीय कार्यशाला में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड, मेसर्स आस्ट्रा माइक्रोवेव्स, एफएलआईसी माइक्रोवेव्स, मेसर्स एम्फेनल लिमिटेड और मेसर्स सेस्मॉस लिमिटेड के वरिष्ठ वैज्ञानिक तथा प्रबंधन प्रतिनिधि भी भाग ले रहे हैं।
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