राष्ट्रीय (26/09/2012) 
कानूनी दांव - पेंचों में उलझाकर भाजपा को संघर्षो से रोका नहीं जा सकता --भाजपा

नई दिल्ली, 26 सितंबर।  भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष  विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि वे दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचारो , जनविरोधी नीतियों ,महंगाई और बिजली के दामों में बेहताशा  वृद्धि के खिलाफ जनता के हित की लड़ाई लड़ते रहेंगे। इसके लिये उन्हें चाहें जितनी भी कुर्बानी देनी पड़े वे इसके लिये तैयार हैं। दिल्ली सरकार अदालती मामलों और कानूनी दांव-पेंच में उलझाकर उनका मनोबल नहीं तोड़ सकती है। भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष होने के कारण उनकी राजनैतिक, सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे सरकार के हर जनविरोधी कदम का विरोध करें। दिल्ली सरकार के जनविरोधी फैंसलों के खिलाफ दिल्ली भाजपा का संघर्ष  और आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक की दिल्ली सरकार अपने जनविरोधी फेंसलों को वापस नहीं ले लेती है।

 विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिजली कंपनियों से सांठ-गांठ करके दिल्ली की जनता पर बिजली के दामों में बेतहाशा  वृद्धि करने का बोझ लादा है। यदि सरकार चाहती तो बिजली के दामों में वृद्धि को रोका जा सकता था क्योंकि तीनों निजी बिजली कंपनियां हजारों करोड़ रूपये के फायदे में हैं। इसकी पुष्टि  तीनों कंपनियों के सभी खातों की कैग से आडिट कराकर की जा सकती है। बिजली कंपनियों अधिकतम 22 प्रतिशत  वृद्धि की मांग की थी लेकिन सरकार ने उन्हें 34 प्रतिशत  दाम बढ़ाने की इजाजत देकर दिल्ली की दो करोड़ जनता के साथ अन्याय किया है। इसके खिलाफ भाजपा की लड़ाई बराबर जारी रहेगी।

ज्ञात हो कि डीईआरसी के पूर्व चेयरमैन  ब्रीजेन्द्र सिंह ने 3 मई, 2010 को दिल्ली सरकार को सूचित किया था कि तीनों बिजली कंपनियां 3577 करोड़ रूपये के सरप्लस फायेदे में हैं। इस कारण दिल्ली में बिजली के दाम 23 प्रतिशत  घटाये जाने चाहियें। डीईआरसी चेयरमैन के उस निर्णय पर दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला  दीक्षित ने 4 मई, 2010 को डीईआरसी को पत्र लिखकर बिजली के दाम घटाने पर रोक लगा दी थी क्योंकि उस समय बिजली विभाग मुख्यमंत्री के ही पास था। उन्होंने यह रोक अनेक हथकंडे अपनाते हुये एक साल तक लगाये रखी जक तक की डीईआरसी चेयरमैन श्री ब्रीजेन्द्र सिंह रिटायर नहीं हो गये। उनके रिटायर होने के बाद डीईआरसी के नये चेयरमैन पी.डी. सुधाकर आये और उन्होंने आते ही बिजली के दामों में 22 प्रतिषत की वृद्धि कर दी। इसी के खिलाफ भाजपा ने दिल्ली की जनता को एकजुट और जागरूक करने के लिये समस्त दिल्ली में बिजली के दामों में वृद्धि करने के डीईआरसी और दिल्ली सरकार के फैंसलों के खिलाफ जोरदार आंदोलन छेड़ा। इसके तहत दिल्लीभर में आंदोलन किये गये। प्रचार-प्रसार माध्यमों द्वारा जनता को सूचित किया गया कि दिल्ली सरकार और बिजली कंपनियों के कारण दिल्ली की जनता पर बिजली के दाम बढ़ाने का जबरदस्ती बोझ डाला गया है। दिल्ली सरकार यदि चाहती तो बिजली के दाम बढ़ाने से डीईआरसी को रोक सकती थी।

इसके बाद बिजली कंपनियों ने बिजली के दामों में 70 प्रतिषत तक की और वृद्धि की मांग डीईआरसी से की इसका भाजपा सहित दिल्ली के सभी आरडब्ल्यूएज और आम जनता ने भी भारी विरोध किया। इसके बाद भी जनता पर 24 प्रतिषत बिजली के दाम बढ़ाने का बोझ लाद दिया गया। 8 प्रतिशत  अधिभार वसूलने का अतिरिक्त बोझ भी दिल्ली की जनता पर डाला गया । इस प्रकार लगभग 34 प्रतिशत  की बिजली मूल्य वृद्धि का दाम भयंकर महंगाई के जमाने में आम जनता पर लाद दिया गया। डीईआरसी ने एक चालाकी यह की कि बिजली के बिलों को तीन स्लैब में बांट दिया। 200 यूनिट बिजली खर्च करने पर अलग दाम, 400 यूनिट पर अलग दाम और उसके ऊपर अलग दाम तय किये गये। अब आम जनता के घरों में बिजली के जो बिल भेजे जा रहे हैं वे 100 से लेकर 300 प्रतिषत तक अधिक दाम के हैं। आम जनता इस भीशण महंगाई में बिजली के दामों में इतनी भारी वृद्धि को सहने को तैयार नहीं है। अनेक उपभोक्ताओं ने अपने बिजली कनेक्षन कटवाने के लिये बिजली कंपनियों के यहां आवेदन किये हैं क्योंकि वे इतना अधिक बिजली बिल भरने का सामर्थ नहीं रखते हैं। श्री गुप्ता ने दिल्ली सरकार और डीईआरसी से मांग की है कि मौजूदा बढ़े हुये दामों को तुरंत वापस लें ताकि जनता के जीवित रहने का अधिकार सुरक्षित रहे।

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