राष्ट्रीय (01/10/2012) 
34वें अखिल भारतीय जन सम्पर्क सम्मेलन सम्पन्न--हिमाचल प्रदेश

मुख्य सूचना आयुक्त  भीम सेन ने कहा कि वैश्वीकरण और उदारीकरण के वर्तमान दौर में जन सम्पर्क की भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है तथा यह प्रत्येक संस्था का अनिवार्य एवं अभिन्न अंग बन गया है।  भीम सेन आज यहां तीन दिवसीय 34वें अखिल भारतीय जन सम्पर्क सम्मेलन के समापन समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।

 भीम सेन ने कहा कि मनोरंजन के साथ पर्यटन राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय एकता के लिए मंच तैयार करता है। देश-विदेश में घुमने वाले पर्यटक आपसी भाईचारे की भावना के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। उन्होंने कहा कि पब्लिक रिलेशन सोसायटी आॅफ इंडिया का उद्देश्य प्रत्येक क्षेत्र में व्यावसायिक उत्कृष्टिता को प्रोत्साहित करना है। वर्तमान परिपेक्ष्य में जन सम्पर्क व्यवसायियों के लिए नवीनतम जानकारी और आधुनिक तकनीक के साथ तालमेल बिठाना और उसमें स्तरोन्नयन करना आवयक है ताकि कार्य निष्पादन बेहतर तरीके से किया जा सके। सम्मेलन के विषय काम्युनिकेशन स्ट्रेटजीज फार ट्रैवल एण्ड टूरिजम के संबंध में उन्होंने कहा कि पर्यटन वर्तमान में आजीविका अर्जन का मुख्य जरिया बनकर उभरा है। आज प्रत्येक संस्था अपनी छवि बनाने के प्रति गंभीर है और पर्यटन उद्योग के साथ जुड़े हुए संचारक मीडिया के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र के विस्तार के लिए क्रियाशील है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेा में ऊर्जा और बागवानी क्षेत्र के बाद पर्यटन क्षेत्र अधिकतम राजस्व सृजित करता है। पर्यटन क्षेत्र का स्थानीय समुदायों और राष्ट्रीय आर्थिकी के सुदृढ़ीकरण में मुख्य योगदान है। उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क कर्मियों को ऐसी नीतियां बनाने पर ध्यान देना होगा जो अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करने में सक्षम हों।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं और सम्मेलनों में सूचना का अधिकार अधिनियम और लोगों द्वारा इसके उपयोग पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है ताकि इसके माध्यम से पारदर्शिता बढ़ सके और भ्रष्टाचार को मिटाने में सहायता मिल सके।

इससे पूर्व, भारत में मारीशस के उच्चायुक्त  ऐरे जोगेश्वर ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में पर्यटन क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक नीतियां विकसित की हैं। उन्होंने कहा कि विश्व में पर्यटन क्षेत्र के दीर्घकालीन अस्तित्व के लिए सतत् स्तरोन्नयन आवश्यक है। इस प्रकार के विचार-विमर्श से भारत तथा मारीशस के मध्य मज+बूत संबध कायम करने में सहायता मिली है।

पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. अजीत पाठक ने पीआरएसआई, शिमला चैप्टर के अध्यक्ष  बी.डी. शर्मा को बधाई देते हुए देश भर से सम्मेलन में आए 200 से अधिक प्रतिभागियों का यथोचित आतिथ्य सत्कार के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने पीआरएसआई के साथ अधिक से अधिक छात्रों को जोड़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इससे आज के यह छात्र भविष्य में जन सम्पर्क व्यवसाय के समक्ष उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करने में सक्षम हो पाएंगे।

पीआरएसआई के पूर्व अध्यक्ष तथा पब्लिक रिलेशनस वाॅईस पत्रिका के संपादक डाॅ. सी.वी. नरसिम्हा रेड्डी ने इस अवसर पर इस सम्मेलन के अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रभावी जन सम्पर्क के कारण सभी पर्यटन नीतियां सफल रही हैं। पीआरएसआई की सचिव एवं कोषाध्यक्ष  निवेदिता बैनर्जी ने सम्मेलन को सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए पीआरएसआई शिमला चैप्टर की प्रशंसा की। पीआरएसआई पूर्वी क्षेत्र की उपाध्यक्ष  अनु मजूमदार, पीआरएसआई दक्षिणी क्षेत्र के उपाध्यक्ष  वाई. बाबजी, पीआरएसआई उत्तरी क्षेत्र के उपाध्यक्ष  वी.पी. शर्मा और पीआरएसआई के पूर्व उपाध्यक्ष  नरेन्द्र मेहत्ता ने भी  इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए।
पीआरएसआई शिमला चैप्टर के अध्यक्ष  बी.डी. शर्मा ने सम्मेलन के दौरान दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों के लिए देश के विभिन्न पीआरएसआई चैप्टर से आए प्रतिनिधियों, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और विशेष रूप से डाॅ. अजीत पाठक का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से यह सम्मेलन सफल हुआ है।

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