राष्ट्रीय (02/10/2012) 
पर्यटन को विकसित करने में मिलेगी नई दिशा--हिमाचल प्रदेश

इंडियन पब्लिक रिलेशन सोयाइटी (पीआरएसआई) द्वारा 34वां अखिल भारतीय सम्मेलन-कॅम्युनिकेशन स्ट्रेटेजीज फार ट्रेवल एण्ड टूरिजम पर पीआरएसआई के शिमला चैप्टर द्वारा 29 सितम्बर से 1 अक्तूबर, 2012 तक शिमला में आयोजित किया गया, निःसंदेह एक अनूठा सम्मेलन था। इस सम्मेलन में देश से ही नहीं, अपितु विदेशों से लोगों ने भाग लिया और अपने विचार भी रखें। शायद ही शिमला में इससे पहले इस तरह का जन सम्पर्क एवं अन्य कोई सम्मेलन हुआ होगा। इस सम्मेलन में जुड़े देश-विदेश के श्रेष्ठ पीआर प्रोफैशनल्स और विशेषज्ञों ने पर्यटन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विचारावेश सत्रों के माध्यम से जो बहुमूल्य सुझाव दिए, वे निश्चित तौर पर प्रदेश में पर्यटन उद्योग को नई दिशा देने में सहायक सिद्ध होंगे। हिमाचल प्रदेश के एतिहास में यह पहला मौका है, जब देश के विभिन्न भागों से आए विशेषज्ञों ने इस महत्वपूर्ण विषय पर मंथन किया और विचारों के प्रवाह से आर्थिकी के इस महत्वपूर्ण स्रोत को भुनाने के लिए नए आयाम प्रस्तुत किए।

सम्मेलन में विचार विमर्श के बाद एक बात सामने आई है कि यद्यपि पर्यटन, विश्व भर में आर्थिकी का महत्वपूर्ण अंग बन गया है, परंतु पर्यटन स्थलों व पर्यटन सुविधाओं का संदेश जन-जन तक नहीं पहुंच रहा है। लोगों को सही जानकारी नहीं मिल रही है और यह बात भी उभर कर आई है कि गन्तव्य को ही नहीं बल्कि सुखद अनुभव को जन-जन तक पहुंचाना होगा।

इस सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मारिशस के महामहिम उच्चायुक्त  ए. जुगेशर ने भी इस विषय पर पर्यटन विकास की दिशा में माॅरिशस में किए जा रहे प्रयासों एवं पर्यटन विकास की महत्ता पर प्रकाश डाला। हिमाचल प्रदेश सरकार में अतिरिक्त मुख्य सचिव  श्री अजय मित्तल ने प्रदेश में पर्यटन विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयासों एवं पर्यटन विकास में संचारक की भूमिका पर बल दिया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान छह सत्र आयोजित किए किए, जिसमें देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने अनेक विचार सांझे किए। इस सम्मेलन में देश तथा विदेश से आए 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। 

 एरे का इस अवसर पर संबोधन विचारणीय है, जिन्होंने कहा कि टैवल एण्ड टूरिजम का स्थानीय एवं राष्ट्रीय आर्थिकी पर गहरा प्रभाव है। विश्व भर की संस्थाएं अपनी छवि बनाने के लिए ट्रैवल एण्ड टूरिज+म का उपयोग कर रही है। टैवल एण्ड टूरिजम विश्व के बड़े आर्थिक क्षेत्रों में से एक है। मारिशस में पर्यटन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि मारिशस अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यटक स्थल है और देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 8.4 प्रतिशत है। मारिशस में पर्यटन क्षेत्र के सतत् विकास के लिए राजनीतिक स्थिरता, सुरक्षित वातावरण, सुदृढ़ सामाजिक ताना-बाना तथा आतिथ्य प्रेमी लोग उत्तरदायी हैं। उन्होंने कहा कि भारत में पर्यटन मुख्य सेवा उद्योग बनकर उभरा है और मारिशस भारत के साथ पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा है।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री भीम सेन जो समापन समारोह पर मुख्य अतिथि थे, ने कहा कि वैश्वीकरण और उदारीकरण के वर्तमान दौर में जन सम्पर्क की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है तथा यह हर संस्था का अनिवार्य अंग बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन आजीविका अर्जन का मुख्य जरिया बना है। आज प्रत्येक संस्था अपनी छवि बनाने के प्रति गंभीर है और पर्यटन उद्योग के साथ जुड़े हुए संचारक मीडिया के माध्यम से पर्यटन क्षेत्र के विस्तार के लिए क्रियाशील है।

पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅ. अजीत पाठक ने पीआर व्यवसायियों की उन्होंने संस्थाओं एवं समुदायों के मध्य समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ व्यवसाय में नैतिक मूल्य अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पीआरएसआई ने व्यवसाय को अनैतिक प्रचलन से मुक्त करने के लिए ग्लोबल एथिकल प्रोटोकाॅल अपनाया है। उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क का कार्य संस्थान की छवि बनाना है और जन संपर्क व्यवसायियों को अनैतिक प्रचलन से दूर रहना चाहिए क्योंकि इससे संस्थान को नुकसान पहुंच सकता है।

पीआरएसआई के पूर्व अध्यक्ष तथा पब्लिक रिलेशनस वाईस पत्रिका के संपादक डाॅ. सी.वी. नरसिम्हा रेड्डी ने कहा कि प्रभावी जन संपर्क के चलते ही पर्यटन नीति सफल होती है। आस्ट्रेलिया से आए एशिया पैसिफिक पब्लिक रिलेशनस जरनल एंड स्कूल आफ काम्युनिकेशन और क्रिएटिव आटर्स, डेकिन यूनिवर्सिटी आफ आस्ट्रेलिया के प्रतिनिधि एम.जे.ए. शिहान ने विश्व स्तर पर पर्यटन की दृष्टि से अग्रणी रहने में महत्वपूर्ण पहलुओं को उजागर किया। उन्होंने भाषायी दूरी को कम करने के लिए जन सम्पर्क व्यवसायियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। जबकि राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान, नई दिल्ली में फैशन काम्युनिकेशन डिपार्टमेंट की अध्यक्षा प्रो. विभावरी कुमार ने फैशन पर्यटन के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज पर्यटन की दृष्टि से विश्व के ख्याति प्राप्त देशों में फैशन पर्यटन तेजी से उभरा है और पर्यटक इस ओर आकर्षित हुए हैं।
सतलुज जल विद्युत निगम शिमला के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक  आर.पी. सिंह तथा निदेशक एसजेवीएनएल ने निजी क्षेत्र की सामाजिक भागीदारी पर प्रकाश डाला। वहीं, हिंडैलको, रेनुकूट के हैड काॅरपोरेट काम्युनिकेशन एवं सीएसआर श्री तेज बहादुर माथुर ने कारपोरेट संगठनों के कर्मचारियों की भूमिका को राजदूत की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि संगठन के कर्मचारी ही छवि को बनाने में मुख्य भूमिका निभाते हैं।
वाइट पेपर कंसल्टिंग नई दिल्ली की प्रबंध निदेशक श्रीमती मोनिषा मित्रा ने पर्यटकों को जोड़े रखने के लिए संचारक की भूमिका के महत्व पर प्रकाश डाला। इस मौक+े पर दिल्ली मैट्रो के कारपोरेट काम्युनिकेशन के प्रमुख श्री अनुज दयाल मैट्रो ट्रेन की अंतराष्ट्रीय क्षमताओं को उजागर किया। वहीं ऐडफैक्टर्स पीआर प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई के प्रबंध निदेशक  मदन बहल, इकनामिक टाइमस नई दिल्ली के वरिष्ठ सम्पादक  हिमांशु वत्स, आरइआई सिक्स टेन लिमिटेड एवं मेग्रा शापिंग आनलाइन लिमिटेड नई दिल्ली के प्रमुख श्री फिलिप अब्राहिम तथा एनटीपीसी के श्री मंजुल तिवारी, पीजीआई चंडीगढ़ की कारपोरेट काम्युनिकेशन प्रमुख श्रीमती मंजू वादवालकर तथा डीएलएफ गुड़गांव में कारपोरेट काम्युनिकेशन के उपाध्यक्ष  संजय राय ने भी पर्यटन के विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी संचारक की भूमिका पर विचार सांझा किए। माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल के प्रो. रामजी त्रिपाठी ने पर्यटन विकास में मीडिया की भूमिका और जन सम्पर्क व्यवसायियों के योगदान पर प्रकाश डाला।
पीआरएसआई दक्षिण के उपाध्यक्ष  वाई. बाबजी और पीआरएसआई पश्चिम के उपाध्यक्ष  उमेश दीक्षित ने भी बहुमूल्य सुझाव दिए।  
यह भी उभर कर आया कि पब्लिक रिलेशन सोसायटी आफ इण्डिया जनसम्पर्क व्यवसायियों, सरकारी एवं सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के संचारकों की एक शीर्ष इकाई है। 1958 में गठित इस संस्थान ने व्यावसायिक दक्षता के साथ-साथ राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय महत्व के विभिन्न मुद्दों पर जागरूकता पैदा करने का कार्य किया है।
वर्ष 2006 में आरम्भ हुआ पीआरएसआई का शिमला चैप्टर एक सक्रिय चैप्टर है, जिसे तीन बार पीआरएसआई का राष्ट्रीय अवार्ड प्रदान किया जा चुका है। चैप्टर के अध्यक्ष श्री बी.डी. शर्मा को दो बार वर्ष 2009 और वर्ष 2012 में बेस्ट चेयरमैन का अवार्ड दिया गया है।

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