राष्ट्रीय (03/10/2012) 
उर्सवती हिमालयन अनुसंधान संस्थान नग्गर की गतिविधियों पुनर्जीवित होगीं

मुख्य सचिव  एस. राय की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश सरकार के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने गत सायं मास्को में रारिक मैमारियल संग्रहालय परिसर के सृजन और जिला कुल्लू के नग्गर में स्थित निकोल्स रारिक एस्टेट में स्थापित उर्सवती हिमालयन अनुसंधान संस्थान की गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए रारिक अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र और अन्तर्राष्ट्रीय रारिक मैमोरियल न्यास के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श किया।
हिमाचल प्रदेश सरकार में प्रधान सचिव एवं अन्तर्राष्ट्रीय रारिक मैमोरियल ट्रस्ट की महासचिव  मनीषा नंदा और निदेशक, भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग,  राकेश कंवर ने विचार-विमर्श में भारत का तथा  अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र के अध्यक्ष प्रो. ए.वी. पोस्तनीकोव, अन्तर्राष्ट्रीय रारिक केन्द्र की  उपाध्यक्ष एल.वी. शापोशनिकोवा, रारिक संग्रहालय के महानिदेशक, संग्रहालय के प्रथम उप महानिदेशक  ए.वी. स्तेतसेंको ने रूस का प्रतिनिधित्व किया।

इस अवसर पर अन्तर्राष्ट्रीय रारिक केन्द्र और अन्तर्राष्ट्रीय रारिक मैमारियल न्यास के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।  इस समझौते के तहत दोनों देश मैमोरियल संग्रहालय परिसर और उर्सवती हिमालयन अनुसंधान संस्थान नग्गर (जो वर्ष 1928 में राॅरिक द्वारा सृजित किया गया था और दूसरे विश्वयुद्ध के शुरू में स्थगित किया गया) की गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए सहमत हुए हैं। यह कार्य नग्गर स्थित रारिक एस्टेट के आधार पर संयुक्त रूप से किया जाएगा और इसके लिए अन्तर्राष्ट्रीय राॅरिक केन्द्र के रारिक की विरासत को सहजने और लोकप्रिय बनाने के अनुभव का प्रयोग किया जाएगा। भारतीय विशेषज्ञों की सेवाएं भी इस कार्य में ली जाएंगी।
समझौते के तहत अन्तर्राष्ट्रीय रारिक केन्द्र अन्तर्राष्ट्रीय रारिक मैमोरियल न्यास की विकास योजना अपने खर्च पर तैयार करेगा। भारत अन्तर्राष्ट्रीय रारिक केन्द्र के विशेषज्ञों को इस कार्य में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। दोनों पक्ष भविष्य में इस कार्य को पूरा करने में सहमत हुए हैं, हस्ताक्षर किए गए समझौते में अन्तर्राष्ट्रीय राॅरिक मैमोरियल न्यास के रूसी क्यूरेटर के सम्बन्ध में एक अनुच्छेद भी है। 2 अक्तूबर, 2012 को हस्ताक्षरित किए गए समझौते के अनुसार दोनों पक्षों ने रूसी क्यूरेटर के नामांकन की प्रक्रिया, अधिकार और उत्तरदायित्व को अंतिम रूप दिया। वर्तमान समझौता न केवल दोनों पक्षों के उत्तरदायित्व की व्याख्या करता है, जिसका उद्देश्य रूसी क्यूरेटर को सहायता प्रदान करना है, बल्कि रूसी क्यूरेटर के उत्तरदायित्व को भी बढ़ाता है। भविष्य में यह समझौता अन्तर्राष्ट्रीय राॅरिक मैमोरियल न्यास की पूर्व रूसी क्यूरेटर  ए. एडमकोवा की गतिविधियों के कारण उत्पन्न तनाव जैसी परिस्थितियों से दूर रहने में सहायता करेगा।
अन्तर्राष्ट्रीय रारिक केन्द्र और अन्तर्राष्ट्रीय रारिक मैमोरियल न्यास द्वारा तैयार की गई योजनाओं के कार्यान्वयन से भारत तथा रूस के मध्य सांस्कृतिक सम्बन्ध और प्रगाढ़ बनेंगे।
उन्होंने रूस में निकोल्स रारिक के नाम पर स्थापित संग्रहालय का दौरा किया और वहां प्रदर्शित वस्तुओं में गहरी रूचि दिखाई।

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