राष्ट्रीय (05/10/2012) 
रात्रि ठहराव की शुरूआत-कैथल

कैथल, 5 अक्तूबर, उपायुक्त  चन्द्रशेखर ने हरियाणा में पहली बार प्रशासनिक अधिकारियों के रात्रि ठहराव की शुरूआत पूंडरी खण्ड के गांव आहूं से शुरू करके एक नई परपरा को प्रारभ किया। शुरू में लोगों को इस कार्यक्रम के बारे में पता लगा तो ग्राम वासियों ने इस बात के लिए आश्चार्य व्यक्त किया कि क्या कोई उपायुक्त भी किसी गांव के स्कूल में ठहर सकता है। तीन जुलाई को पहली बार उपायुक्त चन्द्रशेखर, अतिरिक्त उपायुक्त दिनेश सिंह यादव गांव आहूं के राजकीय स्कूल में रात को रूके तो समस्त गांव वासी उनके रूकने के स्थान पर जमा हो गये। उपायुक्त को अपने बीच पाकर ग्राम वासियों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।

प्रदेश के मुयमंत्री  भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने गत जुलाई माह में चण्डीगढ़ में आयोजित उपायुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए जनता एवं प्रशासन विश्वास बढ़ाने और इनके बीच की दूरी को कम करने के उद्देश्य से प्रति माह कम से कम एक गांव में रात्रि ठहराव कार्यक्रम आयोजित करने के दिशा-निर्देश दिए थे। उपायुक्त कैथल ने सर्वप्रथम न केवल इन दिशा-निर्देशों का अमलीजामा पहनाया बल्कि एक कदम आगे बढ़ाते हुए प्रतिमाह दो रात्रि ठहराव कार्यक्रम आयोजित करने का भी एक क्रांतिकारी फैसला किया।

धीरे-धीरे यह कार्यक्रम लोकप्रिय होता चला गया तथा राष्ट्रीय, अंर्तराष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों व पत्रिकाओं की सुर्खियां बना। अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका ब्यूरोक्रेसी टुडे ने  चंद्रशेखर को अगस्त माह का ब्यूरोक्रैट चुना एवं रात्रि ठहराव कार्यक्रम के साथ-साथ उपायुक्त द्वारा शुरू किए गए अन्य कार्यक्रमों की भी विशेष प्रशंसा की। अमेरिका की मैक्सवैल विश्वविद्यालय ने उपायुक्त चंद्रशेखर के रात्रि ठहराव कार्यक्रम को व्यक्तिगत दूरदर्शिता, विश्वास तथा जिमेदारी का प्रतीक बताया। विश्वविद्यालय ने उनके इन प्रयासों पर गर्व किया है। इस कार्यक्रम से जरूरतमंद लोगों को सेवाएं देने के साथ-साथ जन सेवा की भावना प्रतिबिबित होती है। मानवता की सेवा ही भगवान की सेवा है। श्री चंद्रशेखर इस विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके हैं। इन रात्रि ठहराव कार्यक्रमों के कारण प्रशासन व जनता के बीच की दूरी खत्म होने के साथ-साथ लोगों के ऐसे काम हुए हैं, जिनके लिए वे कई-कई महीनों से सरकारी कार्यालयों के चक्कर काट रहे थे।

 इन कार्यक्रमों में उपायुक्त चन्द्रशेखर ने तीन बातों पर जोर दिया, जिनमें अधिकारियों की उपस्थिति, काम के प्रति जिमेदारी तथा विश्वसनीयता शामिल है। उपायुक्त के इन प्रयासों से आम आदमी का विश्वास कायम हुआ है कि बिना भागदौड़ के भी सरकारी कार्यालयों में काम आसानी से हो सकता है। इसके अतिरिक्त इन रात्रि ठहराव कार्यक्रम में समाज के ज्वलंत मुद्दों को भी उठाया गया, जिनमें लड़कियों की शिक्षा, कन्या भू्रण हत्या की रोकथाम, स्कूल छोडऩे वाले बच्चों को स्कूल से जोडऩा तथा गर्भवती महिलाओं के लिए संस्थागत प्रसव कितना महत्वपूर्ण तथा स्वास्थ्य विभाग की इन महिलाओं के लिए कौन से राहत योजनाएं हैं। नि:संदेह प्रशासनिक अधिकारियों के रात्रि ठहराव कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों के प्रति विश्वास को कायम रखने में सफल सिद्ध हुए हैं।

उपायुक्त ने रात्रि ठहराव से पहले गांव की तरफ से बुजुर्ग, महिलाएं व युवा वर्ग अपनी-अपनी समस्याओं को लेकर मिले। उपायुक्त ने मौके पर ही प्रशासनिक अधिकारियों को इन समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी दिशा निर्देश भी दिए। आहूं के बाद कैथल खण्ड के बुढ़ाखेड़ा, गुहला खण्ड के अजीमगढ़, राजौंद खण्ड के संतोख माजरा में रात्रि ठहराव कार्यक्रम के तहत उपायुक्त चन्द्रशेखर सभी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ गांवों के सरकारी स्कूलों में ठहरे। इस रात्रि ठहराव कार्यक्रम की विशेष बात यह रही कि गांव के वर्षों पुराने मामले इस कार्यक्रम के होने के  कारण निपटाए जा सके। गांव अजीमगढ़ में स्कूल भवन के ऊपर से हाईवोल्टेज तार हटवाने के लिए ग्रामवासी व पंचायत कई वर्षों से प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हो पा रहे थे। उपायुक्त चन्द्रशेखर का ज्यों ही इस गांव के लिए रात्रि ठहराव कार्यक्रम बना तो बिजली विभाग ने इन बिजली की तारों को तुरन्त हटा दिया।

इसी प्रकार इंदिरा प्रिय दर्शनी विवाह शुगन योजना के 2010 से मामले जिला में लबित थे। उपायुक्त ने व्यक्तिगत रूचि लेकर इन मामलों को निपटाने के लिए विशेष अभियान चलाया, जिसके तहत 817 परिवारों को सवा दो करोड़ रूपये की राशि का वितरण किया जा सका। इसके अतिरिक्त इंदिरा आवास योजना व हरियाणा अनुसूचित जाति व वित्त निगम द्वारा गरीब परिवारों को मौके पर ही ऋण के आवेदन स्वीकृत किए गए। समाज कल्याण विभाग द्वारा 60 वर्ष से अधिक आयु के वृद्धों के वृद्धा भत्ता समान भत्ता योजना के मामले मौके पर ही निपटाए गए हैं। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य, कृषि, जन स्वास्थ्य, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण, खाद्य आपूर्ति, राजस्व, जिला कल्याण विभाग जैसे विभागों ने मौके पर ही अपने-अपने विभाग से संबंधित मामले निपटाए तो लोगों ने राहत महसूस की ।

बिजली, पानी जैसी छोटी-छोटी समस्याओं के समाधान के लिए लोग सरकारी संपत्ति को नुकसान पंहुचाते हैं। इस सोच को बदलने के लिए प्रशासन द्वारा रात्रि ठहराव कार्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं, ताकि उनकी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग किया जा सके।ये विचार जिला उपायुक्त श्री चंद्रशेखर ने आज कलायत खंड के गांव चौशाला में रात्रि ठहराव कार्यक्रम के दौरान उपस्थित ग्राम वासियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि ग्राम वासी छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर जाम लगाते हैं तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से किसी भी समस्या का समाधान नही हो सकता। इसलिए हमें सरकारी संपत्ति को अपनी संपत्ति समझकर ही उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि यदि लोग किसी रोडवेज की बस पर गुस्से में पत्थर फैंकते हैं तो यह पत्थर उनके दिल पर लगता है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह मालुम नही कि यह संपत्ति लोगों द्वारा जुटाए गए कर से ही बनी है। उपायुक्त ने कहा कि कई गांव में अवैध कब्जे किए जा रहे हैं, ऐसे में ग्राम पंचायतें ग्राम वासियों को विश्वास में लेकर इन अवैध कब्जों को हटाने का अभियान चलाएं। उन्होंने गांव बुढ़ाखेड़ा का उदाहरण दिया, जहां ग्राम वासियों ने स्वैच्छा से अवैध कब्जों को हटाने का सामुहिक फैंसला लिया है।

उपायुक्त  चंद्रशेखर ने समारोह में 65 परिवारों को इंदिरा प्रियदर्शनी विवाह शगुन योजना के चैक वितरित किए। इसके अतिरिक्त आज के रात्रि ठहराव कार्यक्रम के मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा 450 लोगों का उपचार किया गया तथा दवाईंया मुफत दी गई। मछली पालन विभाग द्वारा 16 लाख रुपए के ऋण मंजूर किए गए, जिनमें दो लाख 20 हजार रुपए की सब्सिडी शामिल हैं। समाज कल्याण विभाग द्वारा 26 वृद्धों की पैंशन के फार्म तैयार किए गए। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 20 राशन कार्ड बनाए गए। पश  पालन विभाग द्वारा 217 पशुओं का उपचार किया गया। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा लोगों को कानूनी रूप से साक्षर किया गया। जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा 345 पानी के कनैक्शन जारी किए गए। इस मौके पर आठ गर्भवती महिलाओं को उपायुक्त ने शपथ दिलाई की वे प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण जांच नही करवाएंगे तथा प्रसव सरकारी अस्पताल में करवाएंगी।

पुलिस अधीक्षक  कुलदीप सिंह यादव ने कहा कि गांव चौशाला में पिछले 10 वर्षां में कोई आपसी झगड़ा नही हुआ। यह गांव अमन और शांति की मिसाल है। उन्होंने ग्राम वासियों से कहा कि अपने बच्चों को यातायात के प्रति सुरक्षा बरतनें के संस्कार दें। दुपहिया वाहन चलाते समय हैल्मेट का प्रयोग करें तथा वाहन पर दो से अधिक लोग सवारी न करें।  यादव ने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। इसका कारण वाहन चालकों द्वारा यातायात के नियमों में लापरवाही बरतना है। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस प्रशासन को सहयोग करें।

अतिरिक्त उपायुक्त  दिनेश सिंह यादव ने कहा कि रात्रि ठहराव कार्यक्रमों में किफायत बरतनें के लिए बिस्तर व खाना अधिकारियों द्वारा अपने घर से ही लाने की शुरूआत की गई है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से प्रशासन व जनता के बीच की दूरी खत्म हुई है। उन्होंने लोगों से कहा कि भू्रण हत्या जैसी सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए आगे आएं। यह समाज के माथे पर कलंक है, जिसे धोया जाना जरूरी है। उन्होंने लोगों से यह भी कहा कि महिलाओं को पूरा मान सममान दें, क्योंकि महिलाएं भी पुरूषों के समान समाज का महत्वपूर्ण अंग है।

उप मंडलाधीश  हवा सिंह पचार ने कहा कि सभी गांव अवैध कब्जे हटाने के लिए प्रशासन को सहयोग दें तथा सरकार द्वारा लिए गए ऋण की अदायगी समय पर करें। ग्राम पंचायतें विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए अपने-अपने गांवों में प्रेम और भाईचारा हर कीमत पर बनाए रखें।

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी  राजेश कोथ ने कहा कि रात्रि ठहराव कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी आई है, जो काम कई वर्षों से अटके पड़े थे, वे सभी पूरे होने के नजदीक हैं। इस कार्यक्रम से ग्रामीण क्षेत्रों में एक नए युग की शुरूआत हुई है। इस अवसर पर डीएसपी टेकन राज शर्मा, सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र नैन, जिला राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान, पंचायती राज विभाग के कार्यकारी अभियंता आर के गोयल, मार्केटिंग बोर्ड के कार्यकारी अभियंता मदन पाल, लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता एसपी कौशिक, जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक  सुरेंद्र सैनी, कृषि उपनिदेशक एस के यादव, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नवनीत कौर, आशा वर्मा व प्रशासन के सभी विभागों के अधिकारी के अलावा गांव की सरपंच सीमा व ग्राम वासी मौजूद रहे।

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