राष्ट्रीय (06/10/2012) 
उपभोक्ता आन्दोलन --हिमाचल प्रदेश

अतिरिक्त मुख्य सचिव  प्रेम कुमार ने उपभोक्ता सशक्तिकरण पर बल देते हुए कहा कि उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जाए। वे आज उपभोक्ता समन्वय परिषद द्वारा यहां आयोजित उत्तरी क्षेत्रीय उपभोक्ता सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। यह कार्यशाला उपभोक्ता शिक्षा-आज की आवश्यकता और ई-प्रेसिकरिप्शन आॅफ ड्रग्ज विषय पर आयोजित की गई।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि वे सोच समझ कर खरीददारी का निर्णय कर सकें। उपभोक्ताओं को सामान की खरीददारी या किसी संस्थान से सेवाएं लेते समय अपने अधिकारों के बारे में समझ होनी चाहिए। 

 प्रेम कुमार ने कहा कि दवाइयों की ई-प्रेसिकरिप्शन भ्रष्टाचार को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण पग है और कम्प्यूटराइजड ई-प्रेसिकरिप्शन से शुद्धता सुनिश्चित होगी ओर रोगियों को सुविधा भी मिलेगी। उन्होंने परिषद को विश्वास दिलाया कि उनकी संस्तुतियों को लोक हित में लागू किया जाएगा और सरकारी स्तर पर इसके लिए आवश्यक पग उठाए जाएंगे।

उपभोक्ता समन्वय परिषद के अध्यक्ष  ए.एल साहा ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा कि परिषद उपभोक्ता को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि इससे बाजार के भीतर प्रणाली अधोसंरचना बारे जानकारी को बढ़ावा मिलता है और यह भी पता चलता है कि किस तरह उपभोक्ताओं की आदतें, आर्थिकी, वातावरण व समाज पर प्रभाव डालती हंै।

एनआरसीसी के अध्यक्ष डा. सुनील प्रकाश ने अतिरिक्त मुख्य सचिव व अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रदेश सरकार को सुझाव दिया कि स्कूलों में उपभोक्ता शिक्षा आरम्भ की जाए। इसी प्रकार कालेज स्तर पर भी इस विषय के डिग्री कोर्स आरम्भ किए जाएं, जिससे देश भर में उपभोक्तावादी तैयार हो सके और जो उद्योगों व उपभोक्ताओं का मार्गदर्शन कर सकें।

हिमाचल उपभोक्ता संरक्षण परिषद के अध्यक्ष  एस.डी. भारद्वाज ने परिषद की गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी देते हुये धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
कार्यशाला में चिकित्सकों, शिक्षाविद्, विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधियों और राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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