राष्ट्रीय (08/10/2012) 
एशिया-प्रशान्त क्षेत्रों के नागर विमानन महानिदेशकों का 49वां सम्मेलन

एशिया-प्रशान्त क्षेत्रों के नागर विमानन महानिदेशकों का 49वां सम्मेलन आज से नई दिल्ली में शुरू हो रहा है, जो 12 अक्तूबर, 2012 तक चलेगा। इस सम्मेलन का उद्घाटन केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री श्री अजीत सिंह करेंगे। सम्मेलन का विषय - 'सुरक्षा, संरक्षा और निरन्तरता के लिए सामूहिक प्रयास के माध्यम से एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में हवाई यातायात विकास का प्रबंधन' है। सम्मेलन के मुख्य उद्देश्य-- नागर विमानन में हित के मामलों पर सूचनाओं का मूल्यांकन और अदान-प्रदान करना, क्षेत्र में नागर विमानन गतिविधियों के लिए आपसी सहयोग को बढ़ाना , क्षेत्र में अत्यन्त महत्वपूर्ण एक या दो मदों पर प्रमुख विषयों के रूप में गहराई से विचार-विमर्श करने की अनुमतिप्रदान करना , वायु नेविगेशन योजना एवं कार्यान्वयन क्षेत्रीय समूह (एपीएएनपीआईआरजी) के कार्य की समीक्षा करना , क्षेत्र के सामान्य हितों और महत्व के लिए विशेष कार्य मदों का विकास करना , क्षेत्र में मानकों और प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन के लिए सामांजस्य और समन्वय हेतु सम्पूर्ण मार्गदर्शन उपलब्ध कराना , महत्वपूर्ण मुद्दों पर समयानुसार और उचित रूप से समन्वय करने के लिए आईसीएओ सचिवालय के निर्देशे का अनुपालन करना।

इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए 54 राज्यों/अन्तर्राष्ट्रीय संगठनों को आमंत्रित किया गया है। कुल मिलाकर 45 देशों/ 6 संगठनों ने अपने 238 प्रतिनिधियों के इस सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि की है। नागर विमानन महानिदेशकों का पहला सम्मेलन मनीला, फिलिपीन्स में 1960 में आयोजित किया गया था। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला यह सम्मेलन एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में प्रमुख नागर विमानन कार्यक्रम है। यह सम्मेलन एशिया-प्रशान्त क्षेत्र में नागर विमानन क्षेत्र के महानिदेशकों/मुख्य कार्यकारियों को आपसी विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक क्षेत्रीय मंच उपलब्ध कराता है। इससे पहले भारत ने 1997 में डीजीसीए सम्मेलन की मेजबानी की थी।

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