राष्ट्रीय (09/10/2012) 
देश के सभी घरों को अगले पांच वर्षों में 24 घंटे बिजली-प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार का उद्देश्‍य अगले पांच वर्षों में देश के सभी घरों को उचित मूल्‍य पर 24 घंटे बिजली उपलब्‍ध कराना है। देश में दस लाख घर अब अपनी प्रकाश ऊर्जा की आवश्‍यकताओं के लिए सौर ऊर्जा का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। आज नर्इ दिल्‍ली में विज्ञान भवन में ऊर्जा उपलब्‍धता और पहुंच (एनर्जी एक्‍सेस) पर आयोजित अंतर्राष्‍ट्रीय गोष्‍ठी को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार 2022 तक लगभग 2 करोड ग्रामीण घरों में सौर ऊर्जा की रोशनी पहुंचाने की भी कोशिश कर रही है। नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी से शायद ऊर्जा उपलब्‍धता के लिए सबसे अधिक सतत् और आर्थिक विकल्‍प मिल सकते हैं। इस समय नवीनीकृत ऊर्जा देश में स्‍थापित कुल बिजली उत्‍पादन क्षमता के लगभग 12 प्रतिशत के बराबर है। जलवायु परिवर्तन के बारे में भारत की कार्य योजना के अंतर्गत शुरू किये गये जवाहर लाल नेहरू राष्‍ट्रीय सौर मिशन का उद्देश्‍य वर्ष 2022 तक 20 गीगा वॉट सौर ऊर्जा के ग्रिड की स्‍थापना करना है। अब यह साबित हो गया है कि ऊर्जा उपलब्‍धता और सहस्राब्‍दी के विभिन्‍न विकास लक्ष्‍यों के बीच बहुत संबंध हैं और इन्‍हें दस्‍तावेजों में दर्ज किया गया है। दुनियाभर में लोगों की भलाई के लिए और जीवन में न्‍यूनतम गरिमा बनाये रखने के लिए इन लक्ष्‍यों का पूरा होना बुनियादी आवश्‍यकता है और इसके लिए उचित मूल्‍य पर ऊर्जा की उपलब्‍धता जरूरी है।

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री डॉ0 फारूख अब्‍दुल्‍ला ने इस अवसर पर कहा कि आज नवीकरणीय ऊर्जा से ग्रामीण क्षेत्रों की ऊर्जा आवश्‍यकता पूरी की जा सकती है और शहरी ऊर्जा की आवश्‍यकताओं को पूरा करने में भी सहायता मिल सकती है। ऊर्जा उपलब्‍धता का मुद्दा बहुत महत्‍वपूर्ण है और गरीबी, विकास, स्‍त्रीपुरूष असमानता, पर्यावरण, स्‍वास्‍थ्‍य और सतत् विकास से इसका सीधा संबंध है। विकासशील देशों के तीन अरब से ज्‍यादा लोग खाना पकाने आदि के लिए परंपरागत जैव साधनों पर निर्भर हैं और करीब डेढ़ अरब लोग बिना बिजली के हैं। डॉ0 अब्‍दुल्‍ला ने कहा कि कम ऊर्जा पाने वाले इन नागरिकों को ऊर्जा की बुनियादी सुविधाएं उपलब्‍ध कराना आज विश्‍व के सामने मुख्‍य चुनौती है। ऊर्जा उपलब्‍धता की कमी से लोगों की उपयोगी क्षमता पर असर पडता है और वे गरीबी के दायरे में घिर जाते हैं। समावेशी और सतत् आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा उपलब्‍धता बहुत महत्‍वपूर्ण है। नवीकरणीय ऊर्जा इसमें बहुत मददगार हो सकती है। आज 40 करोड़ से ज्‍यादा लोगों के पास आधुनिक बिजली के साधन नहीं है। उनके लिए नवीकरणीय ऊर्जा के कार्यक्रम चलाये जा सकते हैं। सौर ऊर्जा से घरों में रोशनी की जा सकती है। गांवों में परिवार की आवश्यकता के अनुरूप छोटे आकार के बॉयो गैस संयंत्र लगाये जा सकते हैं।

संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा ने वर्ष 2012 को सभी के लिए सतत् ऊर्जा का अंतर्राष्‍ट्रीय वर्ष घोषित किया है। दो दिन की इस गोष्‍ठी में लगभग 30 देश भाग ले रहे हैं, जिनमें गुयाना के प्रधानमंत्री, मॉरीशस के उप प्रधानमंत्री सहित करीब 26 देशों के मंत्री शिष्‍टमंडल सहित भाग ले रहे हैं। एक सौ से अधिक विदेशी प्रतिनिधि भी इस गोष्‍ठी में भाग ले रहे हैं।

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