राष्ट्रीय (09/10/2012) 
दुर्घनाग्रस्त योजना

कैथल, 9 अक्तूबर , हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश भर में मार्केट कमेटियों के माध्यम से किसानों, खेतीहर श्रमिको व मंडी श्रमिकों के क्रियांवित दुर्घनाग्रस्त योजना क्रियांवित की जा रही है, जो पीडि़त परिवारों के जख्म पर मरहम का कार्य कर रही है। कृषि संबंधि कार्यों से पीडि़त किसानों व इससे जुड़े अन्य श्रमिकों को इस योजना का प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है। योजना के तहत किसान, खेतीहर मजदूर की कार्य करते समय मृत्यु होने पर दो लाख रुपये की वित्तिय सहायता प्रदान की जाती है। इसी तरह रीढ की हड्डी टूट जाने पर प्रदेश सरकार द्वारा एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

यह जानकारी उपायुक्त चंद्रशेखर ने लघु सचिवालय स्थित कार्यालय में इस योजना से संबंधित 12 लाभार्थियों को 3 लाख 55 हजार रुपये चैक वितरित करने के उपरांत दी। ये चैक मार्केट कमेटी पाई के माध्यम से प्रदान किए गए। प्रदेश भर में क्रियांवित इस योजना से कैथल जिला के किसान और खेतिहर मजदूर भी लाभांवित हृुए हैं। उपायुक्त ने करोड़ा की मुर्ती देवीे, किठाना के सुभाष, खेड़ी सिम्बलवाली की रामरती, पाई के मंगत राम और शेरधा की रेखा देवी को 50-50 हजार रूपये तथा पाई के सोनू, सौंगल के राजबीर, गुलियाणा के चंद्र, मुंदड़ी की मुर्ती देवी, काकोत के मेजर, किच्छाना के जितेंद्र और पाई के सुरेंद्र कुमार को 15-15 हजार रुपये के चैक वितरित किए गए।

उन्होंने बताया कि मार्केट कमेटी की इस योजना का लाभ उन पीडि़तों को प्रदान किया जाता है जो कृषि मशीनरी के उपयोग के दौरान या फिर कृषि या अन्य औजार चलाते वक्त, टूल्ज, उपकरण, यंत्र तथा कुआं खोदते वक्त, ट्यूबवैल लगाने के समय, क्रेन क्रैशर में कार्य करते वक्त, कोलू चारा काटने की मशीन या थ्रेशर का कार्य करते हुए दुर्घटना का शिकार हुए हैं। इसके अतिरिक्त कुआं खोदते समय या ट्यूबवैल लगाते समय या फिर ट्यूबवैल लगाते समय जहरीली गैस का शिकार होने पर, यही कार्य करते हुए बिजली का करंट लगने तथा कृषि उपज ले जाते समय वाहन से दुर्घटनाग्रस्त होने पर, कीटनाश्क या खरपतवार नाशक दवाईयों का प्रयोग करते समय, मंडी में आग लगने की दुर्घटना इत्यादि का कार्य करते समय दुर्घटनाग्रस्त हो जाने वाले किसाने व खेतीहर मजदेरों को मार्केट कमेटी इस योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह राशि दुर्घटना में मृत्यु होने, एक अंग-भंग होने पूरी अंगूली कटने, अंगूली का भाग कटने, रीड की हड्डी टूट जाने इत्यादि के लिए दी गई।

उन्होंने कहा कि कृषक, खेतीहर व मंडी श्रमिकों के लिए शुरू की गई इस स्कीम का लाभ विशेष रूप से उन पीडि़तों को ही मिलता हैे जिन्हें कृषि व श्रमिक संबंधि कार्य के दौरान वास्तव में शारीरिक हानि हुई हो। ऐसे पीडि़तों को क्षति-पूर्ति के दावे के लिए बेहिचक आवेदन करना चाहिए।  उन्होंने यह भी कहा कि किसानों और मजदूरों को अपना कार्य करते समय दुर्घटना के बचाव के लिए बताई जानी वाली सावधानियों को ध्यान रखना चाहिए। यदि दुर्भाग्यवश इस तरह की दुर्घटना होने पर दावेदार को दो महीने के भीतर सादे कागज पर आवेदन करना होता है, जिसमें दावेदार का नाम, व्यवसाय, पिता का नाम, पूरा पिता, आयु, दुर्घटना स्थान, कर्मचारी होने की स्थिति में मालिक का नाम,दुर्घटना की किस्म, तिथि, स्थान, अंग-भंग या मृत्यु का कारण आदि स्पष्ट करना होगा। सभी दस्तावेज पूर्ण होने पर पीडि़त या दावेदार को इसे नजदीकी मार्केट कमेटी कार्यालय में सचिव के पास जमा करवाने होंगे। इस योजना का लाभ लेने के लिए पीडि़त परिवारों को मृत्यु के मामलों में आवेदन के साथ पोस्टमार्टम की रिपोर्ट तथा एफआईआर की प्रति संलग्र करनी अनिवार्य है।

उपायुक्त ने किसानों और श्रमिकों से अपील की है कि वे खेती संबंधि कार्य करते समय दुर्घटना से बचने के लिए सावधानियां अवश्य बरतें। रात के वक्त काम करने से बचें, कृषि उपकरणों को चलाते समय खुले कपड़े न पहनें, कुएं या होद में उतरने से पूर्व बालटी में लालटेन को जलाकर ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा का पता लगालें। चारा काटते वक्त उपकरण की धार का ध्यान रखें, कार्य करने के दौरान नशों से दूर रहें, आपात कालीन स्थिति से निपटने के लिए घर पर प्रार्थमिक चिकित्सा के लिए दवाईयां का इंतजाम रखें। दुर्घटना की किसी भी स्थिति के लिए प्रारंभ की गई इस योजना का लाभ उन सभी किसानों व श्रमिकों को मिलेगा, जिनको खेत मंडी या कृषि कार्य करते वक्त शारीरिक क्षति पहुंची है। प्रदेश सरकार की यह योजना किसानों व श्रमिकों के लिए कारगर सिद्ध हो रही है।हरियाणा सरकार के दिशानिर्देश पर प्रदेश भर में मार्केट कमेटियों के माध्यम से किसानों, खेतीहर श्रमिको व मंडी श्रमिकों के क्रियांवित दुर्घनाग्रस्त योजना उनके जख्म पर मरहम का कार्य कर रही है। कृषि संबंधि कार्यों से पीडि़त किसानों व इससे जुड़े अन्य श्रमिकों को इस योजना का प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल रहा है।

जिला प्रशासन द्वारा गत 21 सितंबर को संतोख माजरा में आयोजित रात्रि ठहराव कार्यक्रम के दौरान ही इस योजना के लाभार्थियों को 15 लाख 20 हजार रूपये के चैक भी वितरित किए गए थे। पाई मार्केट कमेटी के सचिव सतबीर सिंह ने बताया कि इस योजना के लंबित मामलों को शीघ्र ही निपटाकर लाभार्थियों को लगभग 25 लाख रुपये के चैक दे दिए जाएंगे। इस अवसर पर उपमंडलाधीश श्री हवा सिंह व पाई मार्केट कमेटी सचिव सतबीर सिंह एवं लाभार्थी उपस्थित रहे।

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