राष्ट्रीय (10/10/2012) 
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो की जांच संरचना का सुदृढ़ीकरण

केन्द्रीय कार्मिक राज्य मंत्री  वी नारायणसामी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई तथा राज्य भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो के 19वें सम्मेलन के उदघाटन के अवसर पर इस वर्ष से यह सम्मेलन 2 वर्ष में एक बार की जगह वार्षिक रूप से आयोजित करने की पहल के लिए सीबीआई को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे भ्रष्टाचार तथा सतर्कता कार्यों में लगी सभी एजेंसियां को अपने अनुभव साझा करने और भ्रष्टाचार का सामना करने संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने के लिए नियमित अंतराल पर मंच उपलब्ध होगा। उन्होंने उत्कृष्ट सेवा के लिए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह द्वारा दिये गये पुरस्कार तथा प्रतिष्ठित पुलिस मेडल प्राप्त करने वाले सीबीआई के 15 अधिकारियों को भी बधाई दी।

मंत्री महोदय ने कहा कि सरकार सर्वांगी सुधार पर ध्यान केन्द्रित करते हुए पहल कर रही है। पारदर्शी प्रक्रिया अपनाने और विवेकाधिकार में कमी से भ्रष्टाचार कम होंगे तथा व्यवस्था अधिक उत्तरदायी होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बेहतर गति से विकास हो रहा है। बढ़ते आर्थिक विकास के साथ असामाजिक तत्वों के नापाक इरादों को विफल करने के प्रति भी चौकस रहना होगा जो प्रचलित व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इससे सम्मेलन का विषय "आर्थिक विकासः भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसियों की प्रतिक्रिया" बहुत सामयिक और प्रासांगिक हो गया है।

उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ाई में भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसिया जैसे - सीबीआई तथा राज्य की भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसियां प्रवर्तन के स्तर पर सरकार की स्पष्ट हथियार हैं। इन एजेंसियों के प्रदर्शन से ही भ्रष्टाचार निरोधी लड़ाई में सरकार की गंभीरता का आकलन होता है।

 नारायणसामी ने कहा कि केन्द्र सरकार जमीनी स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए निरंतर उपाय कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध संयुक्त राष्ट्र के कनवेंशन का अनुमोदन किया है तथा संसद में कई अधिनियम पेश किये हैं।  सामी ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के सभी तरह के खतरे से लड़ने के लिए व्यापक विधायी ढ़ांचा स्थापित करने के प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी के रूप में अपनी साख बार-बार साबित की है। लगातार बढ़ते काम के बोझ से यह जरूरी है कि यह संगठन इस कार्यभार को पूरा करने के लिए तकनीक का इजाद करे। भ्रष्टाचार निरोधी एजेंसियों का काम दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है पर संसाधन सीमित हैं पर इससे सरकार और आम आदमी की उम्मीदों से जुड़े उसके प्रदर्शन में कमी नहीं आनी चाहिये।

Copyright @ 2019.