राष्ट्रीय (10/10/2012) 
शीला सरकार ने दिल्ली को पेरिस बनाने का सपना दिखाया - विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली, 10 अक्तूबर। मुख्यमंत्री शीला  दीक्षित की अध्यक्षता में संपन्न  हुई सुंदर और साफ दिल्ली के लिए उच्चस्तरीय बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष  विजेन्द्र गुप्ता ने कहा है कि 14 साल से शीला  दीक्षित दिल्ली में शासनरत हैं लेकिन यहां की 2 करोड़ जनता को वे शुद्ध  पेयजल, गुणवत्तापूर्ण बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा, परिवहन सेवाएं,शुद्ध  पर्यावरण, अपराधमुक्त राजधानी तक उपलब्ध नहीं करा सकी हैं। दिल्ली को रेप कैपिटल कहा जाता है। यहां दिन में भी कोई सुरक्षित नहीं है।

2013 के चुनाव नजदीक देखकर जनता को गुमराह करने में माहिर दिल्ली सरकार एक बार फिर कास्मेटिक हथकंडे अपना रही है लेकिन जनता कांग्रेस सरकार का जनविरोधी और घोटालेबाज चेहरा पहचान चुकी है। वह सब्जबागों में फंसने वाली नहीं है। दिल्ली का दिल कनाट प्लेस चारों तरफ खुदा पड़ा है। झुग्गी झोंपडि़यों, स्लम बस्तियों, पुनर्वास बस्तियों, अनधिकृत कालोनियों, गांवों और राजधानी के दूरदराज के इलाकों में मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। पालम जैसा महत्वपूर्ण इलाका बूंद-बूंद पानी को तरस रहा है। गरीब जनता के घरों में 5 से 15 हजार के बिजली के बिल भेजे जा रहे हैं। पानी आता नहीं लेकिन लोगों को हजारों रूपए के बिल भरने को मजबूर किया जा रहा है। क्या इसी प्रकार सुंदर और साफ दिल्ली बनेगी?

सरकार ने 895 अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने की घोषणा  की है, लेकिन एक भी कालोनी में कोई भी नयी और मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है। गांव साक्षात नरक का सा दृय उपस्थित करते हैं। ग्रामीण इलाकों में परिवहन तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। अस्पतालों में गरीब आदमी को न दवा मिलती है न डाक्टर। सरकारी स्कूलों में शोचालय तक नहीं हैं। दिल्ली में हर दिन लूट, अपहरण, हत्या, बलात्कार और बच्चों के गायब होने की घटनाएं होती हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगती। मुख्यमंत्री दर्जनों बार कह चुकी हैं कि वे दिल्ली को पेरिस और शनघाई बनायेंगी, लेकिन राजधानी बंगलादेश  से भी बदतर है।

विजेंदर गुप्ता  ने सरकार से सवाल किया कि कल की बैठक में मुख्यमंत्री ने 31 जनवरी, 2013 तक राजधानी की सड़कों को चमाचम करने, चैड़ा करने, सभी स्ट्रीट लाइटों को जलाने, मार्ग संकेतक लगाने, फुटपाथ को स्वच्छ और चलने लायक बनाने, गलियों में बैठने लायक फर्नीचर लगाने, फ्लाईओवरों की नीचे की जगह को सुंदर और निरापद बनाने आदि के निर्देा दिए हैं। क्या ये सभी कार्य 100 दिन में पूर्ण हो जायेंगे? अभी तक अक्तूबर 2010 में सम्प हुए राष्ट्रमंडल खेलों से सम्बन्धित अधूरे कार्य बाकी हैं, इस बात की क्या गारंटी है कि जो चुनावी घोाणाएं मुख्यमंत्री ने की हैं वे पूरी होंगी!

भाजपा दिल्ली प्रदेश  अध्यक्ष ने कहा है कि वे दिल्ली के पूर्ण विकास के पक्षधर हैं लेकिन जनता को सब्जबाग दिखाने और उसे गुमराह करने के खिलाफ हैं। सरकार कहती बहुत कुछ है लेकिन करती कुछ भी नहीं। चुनाव नजदीक देखकर दिल्ली सरकार के मंत्रियों राजकुमार चौहान , रमाकांत गोस्वामी, हारून युसूफ, अशोक  वालिया, चीफ सैक्रेटरी पी.के. त्रिपाठी सहित दर्जनों आला अधिकारियों की जो उच्चस्तरीय बैठक मुख्यमंत्री ने बुलाई है, उसमें लिए गए निर्णय सच में लागू हो जायेंगे, इसमें संदेह है।

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