राष्ट्रपति ने बेलगाम में सुवर्ण सौधा भवन के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यह सुंदर निर्माण उस पवित्र भूमि पर तैयार किया गया है जहां कभी महान रानी किट्टुर चेनम्मा ने शासन किया था जिन्होंने औपनिवेशिक ताकतों को चुनौती दी। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने 1916 में बेलगाम में ही स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है का उद्घोष करते हुए होम रूल लीग आरंभ किया था। महात्मा गांधी ने 1924 में बेलगाम में ही ऐतिहासिक कांग्रेस सत्र की अध्यक्षता की थी। यह एकमात्र अवसर था जब महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के किसी सत्र की अध्यक्षता की। राष्ट्रपति ने कहा कि बेलगाम को वेणु ग्राम अर्थात बांसुरी के गांव के नाम से जाना जाता था। यह अभी राज्य का सबसे बडा चीनी उत्पादक क्षेत्र है। इसने कर्नाटक के इतिहास, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान किया है। राष्ट्रपति ने कहा कि सुवर्ण सौधा, अभिमान तथा शानदार परंपरा की विरासत है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती मैसूर राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया देश के बाकी हिस्सों की अपेक्षा बहुत पहले आरंभ हो गयी थी। महाराजा चामराज वडियार ने 1881 में ही मैसूर प्रतिनिधि सभा का गठन किया था। उनके पुत्र कृष्णराज वडियार ने 1907 में विधान परिषद गठित की। पूर्ववर्ती मैसूर भारत के उन पहले शाही राज्यों में शामिल था जहां प्रशासनिक प्रक्रिया में लोक प्रतिनिधियों को शामिल करने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्थापना की गयी थी। राष्ट्रपति ने कहा कि इस प्रतिनिधि सभा ने कई बदलाव देखे और आज एक परिपक्व विधान मंडल के रूप में विकसित हो गया है। जिसमें द्विसदनात्मक व्यवस्था के तहत कर्नाटक विधान सभा और कर्नाटक विधान परिषद शामिल है। राष्ट्रपति महोदय ने आशा व्यक्त की कि वहां क्षेत्रीय असंतुलन के निवारण पर डॉक्टर डी एम नंजुनडप्पा उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों तथा सभी राजनीतिक पार्टियों की सहायता से विशेष विकास योजना पूरे राज्य में लागू की जाएगी ताकि कर्नाटक का सर्वांगिण विकास हो सके। उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य के स्वर्ण जयंती समारोह की समृति में बेलगाम में निर्मित सुवर्ण सौधा का उद्घाटन करते हुए उन्हें प्रसन्नता हो रही है और इसे वे कर्नाटक की जनता को समर्पित करते हैं। |