राष्ट्रीय (12/10/2012) 
14 अक्तूबर से भाजपा का 40 दिवसीय दिल्लीव्यापी जनान्दोलन- विजेन्द्र गुप्ता

नई दिल्ली, 11 अक्तूबर। दिल्ली सरकार द्वारा बिजली के दामों में कमरतोड़ वृद्धि का फैसला वापस लेने, खुदरा बाजार में एफडीआई का रेड कारपेट स्वागत करने, गैस सिलिंडर - तेल का दाम बढ़ाने, मंहगाई, जन-धन की खुली लूट के विरोध में दिल्ली भाजपा प्रदेश  अध्यक्ष  विजेन्द्र गुप्ता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रो. विजय कुमार मलहोत्रा ने आगामी 14 अक्तूबर से दिल्लीव्यापी 40 दिवसीय विशाल  जनान्दोलन करने का फैसला किया है।

यह जानकारी देते हुए  गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार लोकतंत्र और संविधान की धज्जियां उड़ाने पर जुटी है। उसका आम जनता से कोई वास्ता नहीं रह गया है। शीला  सरकार सिर्फ चंद लोगों का हित ही साध रही है। जनता पर अनेक करों का बोझ लाद दिया गया है। पुराने करों में वृद्धि कर दी गई है। हर प्रकार से आम जनता की जेब खाली करने का उपक्रम यह जनविरोधी सरकार कर रही है। राजधानी की 2 करोड़ जनता कांग्रेस प्रशांसन से छुटकारा पाना चाहती है।

भाजपा उन गरीबों को निःशुल्क  विधिक सहायता उपलब्ध कराएगी, जो इंडिया अगेंस्ट करप्शन  के कार्यकर्ताओं द्वारा उनके काटे गए बिजली के कनक्शन  जोड़ने पर सरकार द्वारा दर्ज किए गए मुकद्दमों का सामना करेंगे। इन गरीबों को मझधार में छोड़ दिया गया है। इनके जोड़े गए बिजली के कनक्शन  पुनः काट दिए गए हैं और आपराधिक मुकद्दमा अलग से दायर कर दिया गया है। ये लोग दो तरफा परेशानी  झेल रहे हैं। घर में अंधेरा है और मुकद्दमा लड़ने की आर्थिक मदद भी इनके पास नहीं है। इस कारण इनके मुकद्दमें भाजपा लड़ेगी।

40 दिवसीय दिल्लीव्यापी आंदोलनों की श्रृंखला में समस्त दिल्ली में हर गली, हर चैराहे, हर मौहल्ले, हर गांव में भाजपा के लोग जाकर उन्हें कांग्रेस सरकार की लूट, फर्जी वायदों, गुमराह करने वाले बयानों आदि की जानकारी पत्रकों, भाषणों , नुक्कड़ नाटकों, सभाओं, कठपुतली नृत्यों, गानों, नारों और अन्य प्रचार माध्यमों द्वारा देंगे। इस जनान्दोलन में पार्टी के राष्ट्रीय  और प्रदेश  नेतागण भी हिस्सा लेंगे। पार्टी लोगों को बताएगी कि किस प्रकार कांग्रेस सरकार ने दिल्ली और देश  में सार्वजनिक और राष्ट्रीय  सम्पत्ति की लूट मचा रखी है। दिल्ली में बिजली के दाम 23 प्रतिशत  घटने थे। दाम घटाने की बजाए मुख्यमंत्री ने बिजली-पानी के दाम दोगुने कर दिए। अब आम आदमी जो महीने में 5 से 8 हजार रूपए कमाता है, उसके यहां बिजली-पानी के मासिक बिल ही 6 से 7 हजार रूपए के आ रहे हैं। जनता परेशान  है कि वह बिल भरे कि खाना खाए।

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