राष्ट्रीय (16/10/2012) 
हवाई यात्रा सस्ती होगी

चेन्नई और कोलकाता हवाई अड्डों पर हवाई अड्डा विकास शुल्क न लगाने के फैसले के बाद नागर विमानन मंत्री  अजित सिंह ने भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि मुम्बई और दिल्ली हवाई अड्डों पर हवाई अड्डा विकास शुल्क समाप्त करने के लिए मुम्बई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एमआईएएल) और दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल) में और अधिक इक्विटी शामिल की जाए। इसी के अनुरूप प्रस्ताव हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण-एईआरए को सौंपा जाए।

वर्तमान में दिल्ली हवाई अड्डे पर 200 रुपया प्रति घरेलू यात्री और 1300 रुपये प्रति अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों से हवाई अड्डा विकास शुल्क के तौर पर लिया जाता है जबकि मुम्बई में प्रत्येक घरेलू यात्री से 100 रुपये और अंतर्राष्ट्रीय यात्री से 600 रुपये वसूला जाता है। 01 जनवरी, 2013 से हवाई अड्डा विकास शुल्क समाप्त किए जाने की स्थिति में मुम्बई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड के मामले में अनुमानित वित्तीय अंतर 4200 करोड़ रुपये का होगा जबकि दिल्ली हवाई अड्डे पर यह अनुमानत: 1175 करोड़ रुपये का होगा।

एईआरए ने अपनी वेबसाइट पर परामर्श पत्र अपलोड कर दिया है और 01.04.2009 से 31.12.2014 के नियामक काल के लिए छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मुम्बई के लिए हवाई अड्डा विकास शुल्क तथा वैमानिकी दरों की निर्धारण की प्रक्रिया पर काम कर रहा है। उसने भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से पूछा है कि वह किस हद तक परियोजना में अतिरिक्त इक्विटी लगाने में सक्षम है। एईआरए के इस पत्र के जवाब में नागर विमानन मंत्री ने भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से मुम्बई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मामले में लगभग 288 करोड़ रुपये अतिरिक्त इक्विटी लगाने को कहा है। बाकी का वित्तीय अंतर एमआईएएल के हवाई अड्डा संचालकों/संवर्धकों द्वारा उनकी इक्विटी साझेदारी को शामिल कर पूरी की जाएगी।

इसी तरह दिल्ली के मामले में 1175 करोड़ रुपये का वित्तीय अंतर पूरा करने के लिए अजित सिंह ने भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से करीब 102 करोड़ रुपये के वित्तीय शेयर का योगदान देने को कहा। गौरतलब है कि जब मुम्बई और दिल्ली हवाई अड्डों पर हवाई अड्डा विकास शुल्क लगाया गया था तो भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण ने अपनी दलील में कहा था कि वह अपनी खराब वित्तीय स्थिति की वजह से अधिक इक्विटी का योगदान नहीं कर सकता।

हवाई यात्रा सस्ती बनाने के सरकार के उद्देश्य पर जोर देते हुए तथा यात्रियों पर कोई अतिरिक्त भार न डालना सुनिश्चित करने के लिए  अजित सिंह ने भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण से हवाई अड्डा विकास शुल्क हटाने के लिए प्राथमिकता के तौर पर इक्विटी शामिल करने को कहा है। एमआईएएल और डीआईएएल के मौजूदा वित्तीय अंतर को इक्विटी शामिल किए जाने और आनुपातिक आधार पर ऋण को बढ़ाया जाए तो हवाई अड्डा पत्तन प्राधिकरण तथा हवाई अड्डा विकास शुल्क समाप्त हो जाएगा।  अजित सिंह के निर्देशों के अनुसार भारतीय विमान पत्तन के इक्विटी शेयर को शामिल करने का प्रस्ताव जल्दी ही हवाई अड्डा आर्थिक नियामक प्राधिकरण को सौंपा जाएगा।

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