राष्ट्रीय (16/10/2012) 
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के महासचिव के जहाजरानी मंत्री से मुलाकात

अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ), लंदन के महासचिव  कोजी सेकीमिजू ने कल नई दिल्ली में जहाजरानी मंत्री  जी. के. वासन से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान मंत्री महोदय ने सोमाली समुद्री डाकुओं के कब्जे में रह रहे 43 भारतीय नाविकों के विषय की ओर महासचिव का ध्यान आकर्षित कराया। उन्होंने समुद्री डकैती की रोकथाम से संबंधित जरूरी कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया और भारतीय नाविकों की जल्द रिहाई के लिए आईएमओ के हस्तक्षेप का आग्रह किया।

मंत्री महोदय ने महासचिव का इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि समुद्री डाकुओं की नाव को पहुंचने से रोकने के लिए तीव्र सतर्कता की स्थिति के लिए उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों का विस्तार दिसम्बर, 2011 में 65 डिग्री ई. से 78 डिग्री ई. तक हो गया है, जिसकी वजह से भारत के पश्चिमी तट के नजदीक पोतों का आवागमन बढ़ गया है और इस कारण पहचान में चूक होने के कारण निर्दोष मछुआरों पर गोलीबारी हो जाती है, जिससे उनको अपनी जान गंवानी पड़ती है।

समुद्री सुरक्षा समिति (एमएससी) आईएमओ की बड़ी संस्था है और जिसके वजह से समुद्री डकैती संबंधित मुद्दों पर एमएससी ज्यादा ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता। इसलिए मंत्री महोदय ने यह सलाह दी कि समुद्री डकैती से संबंधित चुनौतियों से वृहत स्तर पर निपटने के लिए आईएमओ एमएससी के अंतर्गत एक उप-समिति के गठन पर विचार कर सकती है, जिसमें समुद्री डकैती से प्रभावित राष्ट्रों के सदस्य शामिल हो सकते हैं।

मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि हालांकि भारत सतत् नौवहन की प्रासंगिकता तथा जहाजों से उत्सर्जित होने वाले जीएचजी से संबंधित मुद्दों के समाधान के तत्काल आवश्यकता को समझता है और इसलिए जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेनशन और इसके क्योटो प्रोटोकोल के नियमों के तहत जीएचजी उत्सर्जन के समाधान के लिए आईएमओ द्वारा एक संतुलित, पारदर्शी और प्रभावी उपाय की आवश्यकता है।

मंत्री महोदय वासन ने जहाजों की ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से तकनीकी सहयोग और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के संवर्धन के लिए आईएमओ से सहायता की मांग की। उन्होंने पोतों में भारतीय नाविकों को आईएमओ के सदस्य देशों से आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए आईएमओ से सहायता का आग्रह किया।

मंत्री महोदय ने भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय (आईएमयू) के विकास के लिए आईएमयू तथा विश्व समुद्री विश्वविद्यालय (डब्ल्यू एम यू) के बीच सहयोग के लिए आईएमओ के महासचिव से आग्रह भी किया।

 सेकीमिजू ने भारत को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है , जिस पर अंतर्राष्ट्रीय नौवहन के सुरक्षा सुधार संबंधी उपाय करने और पोतों से होने वाले समुद्री प्रदूषण की रोकथाम की जिम्मेदारी है। यह उत्तर दायित्व और मुआवजा से संबंधित वैधानिक मामलों को देखने के अलावा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री यातायात को सुविधाजनक बनाने का कार्य करता है।

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