राष्ट्रीय (19/10/2012) 
सांध्यकालीन महाविद्यालय द्वारा स्वर्ण जयन्ती समारोह आयोजित
राज्यपाल उर्मिला सिंह ने कहा कि शिक्षण संस्थाएं किसी भी समाज का गौरव होती है और समाज को सुदृढ़ व आदर्श नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। श्रीमती सिंह आज यहां सांध्यकालीन महाविद्यालय शिमला के 50वीं वर्षगांठ पर आयोजित स्वर्ण जयन्ती समारोह को सम्बोधित कर रही थीं।
उर्मिला सिंह ने कहा कि शिमला स्थित सांध्यकालीन महाविद्यालय नौकरीपेशा लोगों के लिए सराहनीय कार्य कर रहा है।, जो दिनभर अपनी रोजी-रोटी के लिए कहीं न कहीं नौकरी करते हैं और उसके उपरांत अपनी शैक्षणिक योग्यता को बढ़ाने के लिए रात्रि तक इस केन्द्र में शिक्षा हासिल करते है।
 सिंह ने कहा कि इस केन्द्र की पहचान शिमला के प्रतिष्ठित महाविद्यालय में की जाती है। यहां चलाई जा रही स्नातकोत्तर कक्षाओं की गुणवत्ता की तुलना विश्वविद्यालय की स्नातकोत्तर कक्षा से की जाती है। इसी कारण आज यह केन्द्र देश के अन्य प्रतिष्ठित महाविद्यालय में गिना जाता है, जिससे शिमला का नाम देश भर में रोशन हो रहा है। उन्होंने इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्राचार्य, शिक्षकों व गैर शिक्षकों को बधाई दी तथा कहा कि विपरीत भौगोलिक स्थितियों के बावजूद भी वे इस केन्द्र को सफलतापूर्वक चला रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी यह केन्द्र शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बन कर कार्य करता रहेगा।
इससे पूर्व  सिंह ने संस्था द्वारा प्रकाशित स्मारिका, मैगजीन तथा अन्य प्रकाशनों का विमोचन किया और महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य को भी सम्मानित किया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. शेखर शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए महाविद्यालय की गतिविधियों बारे विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. ए.डी.एन. बाजपेयी ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में महाविद्यालय की गतिविधियों बारे विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर देश के विभिन्न भागों जैसे लखनऊ, दिल्ली आदि के शिक्षाविद्ों, बुद्धिजीवियों, प्रदेश विश्वविद्यालय व सांध्य महाविद्यालय के शिक्षाविद्ों, शिमला नगर निगम के उप महापौर उपस्थित थे।
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