राष्ट्रीय (14/03/2013) 
स्वाइन फ्लू को नियंत्रित करने के लिए जन जागरूकता जरूरी
स्वाइन फ्लू के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं क्येकि इस संक्रमण से बचाव के लिए एहतियाती उपाय सुनिश्चित बनाना महत्वपूर्ण है। यह जानकारी आज यहां प्रधान सचिव, स्वास्थ्य अली रज रिजवी ने दी।
 रिजवी ने कहा कि स्वाइन फ्लू व्यक्ति में दूषित हवा के माध्यम से इंफ्लूएंजा-ए (एच-1 एन-1) वायरस से फैलता है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे खांसते व छींकते समय अपने मुंह एवं नाक को रूमाल से ढक कर रखें और अपने मुंह और नाक को छूने से पहले अथवा बाद अपने हाथ को साबुन से धोएं और स्वाइन फ्लू के लक्षण जैसे खांसी, बहती नाक, छींक एवं बुखार से प्रभावित व्यक्तियों से कम से कम तीन फुट की दूरी बनाए रखें। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि स्वस्थ्य रहने के लिए अधिक मात्रा में पानी का उपयोग करें, पोषाहार भोजन करें और अच्दी नींद लें। उन्होंने रोग से प्रभावित माताओं को स्तनपान के समय मास्क का प्रयोग करने की सलाह दी।
उन्होंने लोगों को सलाह दी कि भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर न जाए और न ही सार्वजनिक स्थलों पर थूकें। चिकित्सकों के सलाह के बगैर कोई भी दवा न लें और प्रभावित व्यक्तियों से हाथ न मिलाएं और न ही गले मिले।  उन्होंने कहा कि बुखार, खांसी, गला दुखना, नाक बहना, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई तथा दस्त व उल्टियां इत्यादि स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के लक्षण पाये जाने पर व्यक्ति अपने निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सक से सलाह लें।
प्रधान सचिव ने कहा कि प्रदेश में कुछ दिनों से स्वाइन फ्लू के मामलों में कमी दर्ज की गई है।
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