राष्ट्रीय (18/04/2013) 
बी एस एफ पेंशन अदालत का समापन

बी एस एफ के द्वारा दिनांक 16 और 17 अप्रैल 2013 को पेंशन  अदालत का आयोजन किया।  सुभाष जोशी , महानिदेशक, बीएसएफ ने दिनांक 16 अप्रैल 2013 को 11 बजे मुख्यालय महानिदेशालय बीएसएफ सीजीओ काम्पलेक्स नयी दिल्ली में पेंशन अदालत का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर हिम्मत सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक,  वेनूगोपाल वी, वित्त सलाहकार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में एसबीआई एवं पीएनबी के प्रतिनिधि भी आये थे। महानिदेशक बीएसएफ ने अपने उद्घाटन सम्बोधन में अपनी गहरी इच्छा व्यक्त कियी कि पेंशनरस, परिवार पेंशनरों  को पेंशन  से सम्बन्धित समस्या से मुक्त होकर सेवानिवृत जीवन चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2013 जवान वर्ष के नाम से सम्मानित किया है। महानिदेशक बीएसएफ ने पुनः विवास व्यक्त किया की हम पेन्सनर्स की समस्याओं के समाधान के लिए उत्तर पूर्व में सिलीगुडी, पशिचम में जोधपुर तथा दक्षिण में बेगलोर में आगामी महीनों में इसी प्रकार की पेंशन  अदालत लगायेंगे।

 

2006 से पूर्व के पेंशनर्स की समस्याओं के त्वरित समाधान हेतु इस पेंशन  अदालत का आयोजन किया गया है। इसपेंशन  अदालत में जम्मु कमीर, पंजाब , चण्डीगढ, हिमाचल प्रदेश , हरियाणा, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश , राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ व दिल्ली राज्यों से आये पेंशनर्स की समस्याओं का एक ही स्थान में समाधान करने का प्रयास किया गया। बीएसएफ के इतिहास में पहली बार इस पेंशन  अदालत का आयोजन किया गया है । यह मंच पेंशनर्स  एवं परिवार पेंशनरों  को उनकी पेंशन  से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए विशिष्ट अवसर उपलब्ध कर रहा है। आज  400 से अधिक पेंशनरों की शिकायत दर्ज की गई व उन पर उचित कार्यवाही की गई।

वर्ष 2008 से छठा वेतन आयोग लागू होने के बाद जो पेंशनर वर्ष 2006 से पहले सेवा निवृत हुए थे उनके करीब 85,000 प्रकरण पीएडी बीएसएफ में  समीक्षा करने के लिए प्राप्त हुए जिसमें से 31.03.2013 तक 55,000 प्रकरणों की समीक्षा की जा चुकी है। शेष बचे हुए मामलों की पेंशनर द्वारा उपलब्ध कागजातों की कमी के कारण नहीं दोहराये जा सके।  इस पेंशन अदालत में इस प्रकार के पंशनर को अपने कागजात जमा करने का मौका दिया गया और इनकी पेंशन की समीक्षा करवाने की कार्यवाही की गई।

यह बीएसएफ के लिए गर्व की बात है कि भारत-पाकिस्तान1971 की लडाई में शामिल सेवानिवृत 52 कार्मिक भी अपनी पेंशन से संबंधित समस्यायें लेकर इस अदालत में शामिल हुए और उनका अतिशीघ्र समाधान किया गया । महानिदेशक बीएसएफ ने इन कार्मिकों को दोहराये गये पीपीओ की कापी इनको प्रदान की ।

 

इस सत्र में करीबन 65 विभिन्न प्रकार की शिकायतों को शिकायत निवारण प्रकोष्ठ बीएसएफ के द्वारा पंजीकृत त किया गया जिसमें अधिकांश  मामले एमएसीपी, अनुकम्पा के आधार पर नियुक्ति, देश  के सभी शहरांे में सीजीएचएस की सुविधा देने, सेना के समान एक रैंक एक पेंशन एवं पूर्व केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को लाभ दने के सम्बन्ध में प्राप्त हुए ।

कुछ भूतपूर्व बीएसएफ के कार्मिकों ने अपनी शिकायत  अशोक कुमार, महानिरीक्षक (प्रशासन) के सामने रखी जो कि बीएसएफ रूल-19 के अधीन सेवानिवृत हुये थे, उनकी समस्या की बडी गम्भीरतापूर्वक सुनवायी की गयी और उन्हें आवासन दिया गया कि जो कुछ भी सम्भव होगा वह नियमानुसार किया जायेगा ।

बीएसएफ ने 700 से अधिक पेंशन  सम्बन्धी प्रकरणों को इन दो दिनों में निष्पादन हेतु योजना बनायी है। बीएसएफ ने दूर दराज से आने वाले पेंशनरों के लिए दिल्ली में रूकने का प्रयाप्त प्रबन्ध किया गया ।

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