राष्ट्रीय (18/04/2013) 
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को विकास कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में विशेषकर राज्य के दुर्गम क्षेत्रों में सभी स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित बनाई जाएगी ताकि लोगों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सभी आवश्यक सेवाओं के रिक्त पदों को भी प्राथमिकता पर भरा जाएगा।
मुख्यमंत्री आज यहां प्रदेश सरकार के सभी सचिवों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को राज्य के सभी सड़क मार्गांे की स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए क्योंकि प्रदेश में सड़कंे संचार का प्रमुख साधन हैं। उन्होंने सम्पर्क मार्गांे एवं ग्रामीण सड़कों के रख-रखाव को विशेष प्राथमिकता देने के निर्देश दिए।
 वीरभद्र सिंह ने निर्देश दिए कि न्यायिक मामलों को बिना विलंब निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि इन मामलों में राय के लिए परामर्शी विभागों को सात दिनों से अधिक समय नहीं लेना चाहिए और राय में विभिन्नता होने की स्थिति में मुख्य सचिव परामर्शी विभागों की बैठक आयोजित कर भावी कार्यवाही सुनिश्चित बनाएंगे।
मुख्यमंत्री ने विभागों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं की नियमित समीक्षा के निर्देश देते हुए कहा कि शत-प्रतिशत भौतिक एवं वित्तीय उपलब्धियां सुनिश्चित बनाई जाएं। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए कि दिल्ली दौरे के दौरान वे विभागों के मामलों को संबंधित मंत्रालयों के समक्ष उठाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एक प्रशासनिक सचिव को प्रत्येक जि+ला का प्रभारी बनाया है। संबंधित जि+ला प्रभारी को पंद्रह दिनों की अवधि में एक बार जि+ला मुख्यालय का दौरा करना चाहिए। इसके अलावा जिला के प्रमुख मामलों पर उपायुक्तों एवं विभागीय अधिकारियों के साथ त्रैमासिक वीडियो कांफ्रेसिंग का भी आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने सचिवों को प्रगति का नियमित अनुश्रवण करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने बजट अभिभाषण में राज्य इनोवेशन फंड की घोषणा को एक माह के भीतर क्रियाशील बनाने के निर्देश दिए। वन मामलों की समय पर स्वीकृति के अनुश्रवण के लिए प्रत्येक जिला में एक अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल को प्रभारी नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधान सचिव वित्त इस संबंध में एक सप्ताह में हुई प्रगति के बारे में उन्हें अवगत करवाएंगे। उन्होंने प्रशासनिक सचिवों को प्रत्येक महीने विकास कार्यांे की प्राथमिकता तैयार करने तथा प्रगति रिपोर्ट को समय-समय पर प्रस्तुत करने के भी निर्देश दिए।
वीरभद्र सिंह ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से मिलने वाली खाद्य सामग्री को लेकर लोगांे को पेश आ रही समस्याओं के संदर्भ में प्रकाशित समाचारों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को समय पर पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। इस संबंध में सप्ताह के भीतर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि लोक मित्र केंद्र के संचालकों ने अपनी समस्याओं के निदान के लिए न्यायालय की शरण ली है। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को इस मामले को सुलझाने के निर्देश दिए ताकि सेवा प्रदाता प्रभावित न हों।
 वीरभद्र सिंह ने कहा कि उनके कार्यालय ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त नई योजनाओं के प्रस्तावों के बारे में टिप्पणियां भेजीं हैं। ये सभी प्रस्ताव और मामले प्राथमिकता के आधार पर निपटाए जाने चाहिए और इनमें किसी भी प्रकार का विलंब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य आपदा राहत कोष के अंतर्गत प्राप्त पांच प्रतिशत धनराशि को उपकरणों एवं मशीनों की खरीद पर खर्च किया जा सकता है। उन्होंने मुख्य सचिव को इस मामले पर विचार करने के निर्देश दिए ताकि यह पता चल सके कि क्या इस धनराशि को फायर टेंडर के खरीद के लिए उपयोग में लाया जा सकता है अथवा नहीं।
मुख्य सचिव  एस. राय ने कहा कि सभी सचिव मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं और प्रदेश में विकास कार्यांे में तेजी लाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी विभाग निर्धारित लक्ष्यों को तय समय सीमा में पूरा कर लेंगे।
लोक निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री नरेंद्र चैहान ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 285 करोड़ रुपये हाल ही में प्राप्त हुए हैं जिससे 171 ग्रामीण सड़कों को पक्का किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तारकोल खरीदने के लिए 41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और अन्य राज्यों के परामर्श से निर्माण सामग्री खरीदने की संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की सभी घोषणाओं के अनुरूप कार्य प्रगति पर है।
स्वास्थ्य सचिव  अली रजा रिजवी ने कहा कि गंभीर रूप से बीमार विद्यार्थियों का प्राधिकृत स्वास्थ्य संस्थानों में निःशुल्क उपचार किया जाएगा। सरकारी संस्थानों में आने वाले सभी रोगियों को निःशुल्क उपचार सुविधा प्रदान की जा रही है और इस वित्त वर्ष के दौरान निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करवाने पर 35 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी.सी फारका ने सभी सचिवों से आग्रह किया कि जन शिकायतों का समय पर निपटारा किया जाए।

 

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