राष्ट्रीय (22/04/2013) 
सोशल मीडिया के बढ़ते महत्व पर परिचर्चा का आयोजन
पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी आफ इंडिया (पीआरएसआई) के शिमला चैप्टर ने राष्ट्रीय जन सम्पर्क दिवस के अवसर पर आज शिमला के बचत भवन में सोशल मीडिया का बढ़ता महत्वः जन सम्पर्क की भूमिका विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया। पीआरएसआई जन सम्पर्क दिवस के अवसर पर हर वर्ष देश भर में परिचर्चाओं का आयोजन करती है।
परिचर्चा की अध्यक्षता वरिष्ठ एवं विख्यात पत्रकार श्री पी.सी लोहमी ने की। दि ट्रिब्यून के एसोशिएट एडिटर श्री दिनेश कुमार ने मुख्य भाषण प्रस्तुत किया जबकि वरिष्ठ पत्रकार श्री रवींद्र मखैक ने भी इय विषय पर विस्तारपूर्वक विचार रखे। 
पी.सी लोहमी ने कहा कि सोशल मीडिया एक क्रांति बनकर उभरा है जिसके सकारात्मक के साथ-साथ नकारात्मक पहलु भी हैं। आवश्यकता इस बात की है कि समुचित योजना और शोध के साथ समाज हित में इसके सकारात्मक लाभों का दोहन किया जाए। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया आगामी दस वर्षांे में पूरे विश्व का प्रमुख मीडिया बनकर उभरने वाला है, इसलिए हमें इसके साथ चलना ही होगा।
उन्होंने कहा कि मीडिया और जन सम्पर्क व्यवसायियों, दोनों के लिए सोशल मीडिया बराबर का महत्व रखता है और इसका बेहतरीन उपयोग सुनिश्चित बनाने के लिए नियमित, उचित और सही सूचना के सम्प्रेषण पर ध्यान देना होगा। अधिक शोध पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पत्रकारिता से जुड़े लोग अधिकांश लोग सूचना के लिए इंटरनेट पर निर्भर होते जा रहे हैं और शोध कार्य धीरे-धीरे कम होता जा रहा है जो अच्छा संकेत नहीं है।
श्री दिनेश कुमार ने सोशल मीडिया के माध्यम से सृजित हो रही व्यापक एवं विविध सूचनाओं के प्रबंधन की कला को सीखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हालांकि आज अत्याधिक सूचना का सम्प्रेषण हो रहा है लेकिन इसमें ज्ञान की अधिकता नहीं है। इसलिए यह ज+रूरी है कि मीडिया शोध और सूचना के अन्वेषण पर अधिक ध्यान दे ताकि लोगांे के समक्ष वास्तविक और तथ्यों पर आधारित जानकारी प्रस्तुत की जा सके।

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया से हमारे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आया है लेकिन साथ ही त्वरित सूचनाओं के कारण तनाव की स्थिति भी बढ़ी है क्योंकि बहुत अधिक सूचनाएं मिलने के कारण हमारे पास इनको समझने, मूल्यांकन करने और सत्यापित करने का समय नहीं मिल पा रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार रवींद्र मखैक ने सोशल मीडिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तकनीक के माध्यम से आम आदमी भी समाचार और सूचना के एकत्रीकरण के लिए सशक्त बना है। उन्हांेने कहा कि सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के कारण आम से लेकर खास व्यक्ति इसका उपयोग करने के लिए बाध्य हो रहे हैं और आने वाले समय में यह प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनने वाला है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर कोई नियंत्रण नहीं होने के कारण यह एक बड़ी चुनौति भी बन गया है क्योंकि अनावश्यक जानकारी और भ्रामक सूचनाएं किसी भी अप्रिय स्थिति को जन्म दे सकती हैं। उनका कहना था कि सोशल मीडिया पर नियंत्रण के लिए किसी सशक्त तंत्र को विकसित करना होगा।
पीआरएसआई के शिमला चैप्टर के अध्यक्ष  बी.डी शर्मा ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि पीआरएसआई एक राष्ट्रीय संस्था है जिसके विभिन्न राज्यों में करीब 38 चैप्टर हैं। पीआरएसआई से जन सम्पर्क और कार्पाेरेट क्षेत्र के व्यवसायी जुड़े हैं जो व्यावसायिक दक्षता के साथ-साथ राष्ट्रीय, सामाजिक और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर लोगांे को जागरुक बनाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिमला चैप्टर भी समय-समय पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करता है और पिछले वर्ष शिमला में पीआरएसआई का राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। 
बी.डी शर्मा ने कहा कि सोशल मीडिया तेजी से उभर रहा है जिससे जन सम्पर्क व्यवसायियों के सम्मुख चुनौतियों के साथ-साथ अपेक्षाओं के अनुरूप बेहतर सेवाएं प्रदान करने के अवसर भी मिले हैं। उन्होंने अधिक विशुद्ध और तेज गति के साथ सूचनाओं के सम्प्रेषण की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर विचार-विमर्श सत्र का आयोजन भी किया गया।
परिचर्चा में मीडिया कर्मियोंख् जन सम्पर्क व्यवसायियों और पीआरएसआई के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने भाग लिया।
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