राष्ट्रीय (23/04/2013) 
यदि मुख्यमंत्री वास्तव में चाहती हैं तो वह पुलिस आयुक्त को हटवा सकती हैं-विजय गोयल

भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल के नेतृत्व में लगभग 3000 कार्यकत्र्ताओं ने दिल्ली में पांच साल की गुडि़या के बर्बर बलात्कार का विरोध करने के लिए संसद भवन तक मार्च किया।  भाजपा कार्यकत्र्ताओं ने महिलाओं को सुरक्षा देने में सरकार की विफलता के विरोध स्वरूप अपने मुंह पर काले फीते बांध रखे थे और अपने सर पर काली टोपी पहन रखी थी।  कार्यकत्र्ताओं को सम्बोधित करते हुये  विजय गोयल ने कहा कि पुलिस आयुक्त, दिल्ली की मुख्यमंत्री के परामर्श  से गृह मंत्री द्वारा नियुक्त किये जाते हैं।  अतः उनका और उनके पुत्र द्वारा बार-बार यह कहना कि पुलिस आयुक्त को हटाया जाना चाहिए केवल एक दिखावा है।  इसमें कोई तथ्य नहीं है।  उन्होंने यह भी कहा कि यदि शीला दीक्षित और गृह मंत्री दोनों ही पुलिस आयुक्त को हटाना चाहते हैं तो उन्हें कौन रोक रहा है ?

 
 गोयल ने आगे कहा कि अपनी गलतियों के लिए दूसरे व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराना कांग्रेस पार्टी की पुरानी आदत रही है।  2-जी घोटाले के लिए ए. राजा को बलि का बकरा बनाया गया।  राषट्रमंडल खेल में हुये घोटालों के लिए सुरेश कलमाड़ी को जिम्मेदार ठहराया और अब कांग्रेस दिल्ली की बिगड़ती कानून व्यवस्था, विशेषतः महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर पुलिस आयुक्त को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास कर रही है।  गोयल ने यह पूछा कि क्या यह सही प्रजातांत्रिक व्यवस्था है जिसमें केवल नौकरशाहों को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है जबकि उनके ऊपर बैठे राजनेता जिम्मेदार नहीं माने जाते।  क्या मुख्यमंत्री जैसे उच्च निर्वाचित पद पर आसीन व्यक्ति अपनी गलतियों के लिए अन्य लोगों को जिम्मेदार ठहराकर बच सकती है ?

गोयल ने कहा कि दिल्ली में अभी जंगल राज जैसी स्थिति है और इसे तुरन्त सुधारकर जनता को राहत पहुंचाई जानी चाहिए।

 गोयल को कार्यकत्र्ताओं के साथ संसद के द्वार पर रोक लिया गया और उन पर लाठियां बरसाई गईं तथा गिरफ्तार किया गया।  इस विरोध मार्च में विधायक प्रो. जगदीश मुखी,  रमेश बिधूड़ी, पार्षद  सुभाष  आर्या और भाजपा उपाध्यक्ष  पवन शर्मा सम्मिलित थे।

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