राष्ट्रीय (26/06/2013) 
किन्नौर में फंसे 1395 लोगों को निकाला गया

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि 24 जून, 2013 तक बर्फ एवं भारी बारिश से प्रभावित जनजातीय जिला किन्नौर में फंसे लगभग 1395 पर्यटकों, जिनमें स्थानीय लोग भी शामिल हैं, को निकाल दिया गया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, राजस्व श्री पी. मित्रा ने किन्नौर में आपदा प्रबंधन में शामिल सभी अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने सभी अधिकारियों को किन्नौर जिले में पुर्नबहाली के कार्य में और तेजी लाने के निर्देश दिए। 
किन्नौर के उपायुक्त  जे.एम. पठानिया से प्राप्त सूचना के अनुसार जिले से 200 से 300 स्थानीय लोगों को निकाला जाना शेष है, जो जिले के विभिन्न भागों में अपने रिश्तेदारों के पास किसी न किसी कार्यक्रमों में भाग लेने गए थे।
उन्होंने कहा कि जिले मंे फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए प्रदेश सरकार के एक हेलिकाॅप्टर के अलावा भारतीय वायु सेना के तीन हेलिकाॅप्टरों की सेवाएं ली जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि मौसम प्रतिकूल होने की वजह से आज हेलिकाॅप्टर की उड़ानें नहीं भरी जा सकीं। हालांकि राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) द्वारा लोगों को पैदल ही सांगला से बाहर निकाला गया तथा कुछ खतरनाक स्थानों से ट्रांसशिपमेंट में सहयोग प्रदान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह द्वारा गत दिवस यहां आयोजित बैठक में दिए गए निर्देशों के अनुरूप राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाई गई तथा 28 करोड़ रुपये की राशि त्वरित राहत उपायों को सुनिश्चित बनाने के लिए जारी की गई। किन्नौर जिले के लिए 21.5 करोड़ रुपये तथा कुल्लू, मण्डी, सिरमौर तथा चम्बा जिलों के लिए प्रत्यके को 1.5 करोड़ रुपये जबकि लाहौल एवं स्पीति के लिए 50 लाख रुपये की राशि जारी की गई। इस बीच प्राकृतिक आपदा से लगभग 2575 करोड़ रुपये की क्षति का अनुमान लगाया गया है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार सभी उपायुक्तों को प्रभावित लोगों को तुरंत राहत उपलब्ध करवाने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे क्षेत्रीय स्तर पर अपनी श्रमशक्ति को और क्रियाशील बनाकर लोगों को राहत प्रदान करें तथा नुकसान का आकलन कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि भारत सरकार से तुरंत पर्याप्त धनराशि स्वीकृत करने का आग्रह किया जा सके।

उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न भागों में नौ बागवानी विस्तार अधिकारियों को भेजा गया है, जो किसानों को उनके पौधों को हुए नुकसान एवं अन्य कीटनाशकों के उपयोग के बारे में सहयोग प्रदान कर सकें।
प्राप्त सूचना के अनुसार अकपा पुल से किरण-खुड तथा समधो-काजा-ग्रामपो तक सड़क सुविधा बहाल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ स्कीबा गांव के लिए सम्पर्क मार्ग धंस गया है तथा खारो काफी क्षतिग्रस्त हुआ है। सीमा सड़क संगठन के आकलन के अनुसार आगामी एक सप्ताह में सड़कों का अधिकांश हिस्सा बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि व्यापक भू-स्खलन के कारण कशांग से अकपा के बीच का हिस्सा काफी क्षतिग्रस्त हो गया है, जिसे बहाल करने में लगभग एक माह का समय लगेगा।
इस बीच, टापरी तथा पियो को आटे के छह ट्रक भेजे गए हैं तथा किन्नौर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार माह से अधिक की आवश्यक खाद्य सामग्री का भंडारण किया गया है। उन्होंने कहा कि 23 तथा 24 जून, 2013 को सांगला के लिए 2520 लीटर मिट्टी का तेल हेलिकाॅप्टर के द्वारा पहुंचाया गया है तथा मौसम साफ होते ही शेष 2480 लीटर मिट्टी का तेल सांगला घाटी को हवाई मार्ग के द्वारा भेजे जाने की योजना है। गयाबांेग में सुनाम घाटी को शीघ्र ही आवश्यक खाद्य सामग्री हेलिकाॅप्टर के माध्यम से भेजे जाने की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार सीमा सड़क संगठन को उनके संसाधनों का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित बनाने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं तथा संगठन के लोगों एवं मशीनरी के परिवहन के लिए आवश्यकता के अनुसार पर्याप्त हेलिकाॅप्टर सहयोग भी प्रदान किया जाएगा।
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