राष्ट्रीय (20/05/2014) 
चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए आर.टी.आई. का सहारा
गुलावठी। आर.टी.आई. आम आदमी का हथियार तो है ही, लेकिन सरकारी कर्मियों को भी अपना काम निकालने के लिए के इसका सहारा लेना पड़ रहा है। जिसका एक उदाहरण धौलाना में देखने को मिला। करीब २ माह पूर्व पुलिस ने चोरी की तहरीर मिलने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नही की। जब आर.टी.आई. के तहत इसकी जानकारी मांगी गई तो पुलिस ने गलत जानकारी दे दी। कोई शिकायत नही हो जाए इसके डर से अब रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।
सरकारी अस्पताल में तैनात कर्मचारी महिला हेमलता देवी के कमरे पर करीब २ माह पूर्व चोरी हो गई थी। चोर गहने, कपड़े, सिलेंडर समेत लाखों का माल ले गए थे। इस मामले में पीडि़ता ने तहरीर दे दी थी। लेकिन पुलिस ने चोर की तलाश करना तो दूर चोरी की रिपोर्ट दर्ज तक नही की। जिसकी शिकायत पीडि़ता ने एसपी से की लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। इसके बाद पीडि़ता ने आर.टी.आई. के जरिए पुलिस से प्रश्र पूछा कि उसकी दी गई तहरीर पर क्या कार्रवाई की गई है।
आरोप है कि पुलिस ने उनके प्रश्र की गलत जानकारी दे दी। जिसकी शिकायत करने की वह तैयारी कर रही थी। लेकिन अब पुलिस ने शिकायत के भय से रिपोर्ट दर्ज कर ली है। इस मामले में थाना प्रभारी का कहना है कि इस मामले में वादी जिम्मेवार है क्योंकि तहरीर लिखकर सही समय पर नही दी गई। अब तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली है कार्रवाई की जाएगी।
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