राष्ट्रीय (28/08/2014)
राष्ट्रवादी शिवसेना ने की लव-जिहाद के विरूद्ध कड़ा कानून बनाने की मांग।
पूर्वी
दिल्ली 27 अगस्त। देष में बढ़ती लव-जिहाद की घटनाओं पर राष्ट्रवादी शिवसेना
ने कड़ी नाराजगी जताई है और इसे रोकने के लिए त्वरित कड़ा कानून बनाए जाने
की मांग केन्द्र सरकार से की है। संगठन का मानना है कि चन्द वोटों के लालच
व एक समुदाय विषेश की तुश्टिकरण के चलते देष के कई राज्यों में लव-जिहाद
की घटनाएं बढ़ी हैं और अगर समय रहते इसे नहीं रोका गया तो इसके गंभीर
परिणाम होगें।
स्वयं
सेवी संगठन राष्ट्रवादी शिवसेना अध्यक्ष श्री जयभगवान गोयल ने कहा कि
वर्तमान में उत्तर प्रदेष व बिहार जैसे कुछ राज्यों में राज्य सरकार की षह
पर लव-जिहाद को बढ़ावा मिल रहा है जिसके लिए विदेषी ताकतें धन व अन्य
आवष्यक चीजों की आपूर्ति करा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व में केरल
सरकार व न्यायालय भी चिंता जाहिर कर चुकी है और राश्ट्रवादी षिवसेना एवं
यूनाईटेड हिंदू फ्रंट ने 16 मई 2013 को राश्ट्रपति से मुलाकात कर इस पर
अंकुष लगाए जाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में 12 अगस्त
2013 को संसद भवन पर प्रदर्षन करके संसद का घेराव भी किया गया था मगर
तत्कालीन सत्तालोलुप सरकार की वोट बैंक की राजनीति के चलते कोई कड़ा कदम
नहीं उठाया जा सका जिसके कारण ही आज यू.पी. व बिहार में इन घटनाओं को बल
मिल रहा है।
श्री गोयल
ने कहा कि संगठन द्वारा दिए गए दिनांक 04.07.2013 को गृह मंत्री को पत्र
लिखकर लव-जिहाद की चल रही वेबसाइटों को बंद करने व इस संदर्भ में कड़े कदम
उठाने की मांग और इसके दुश्परिणामों के प्रति सरकार को चेताया गया था।
जिसके संदर्भ में आर.टी.आई के तहत मांगी गई जानकारी पर 07 अक्टूबर, 2013 को
गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने जानकारी दी थी कि लव-जिहाद के संदर्भ में
सभी राज्य सरकारों को पत्र लिखा गया है किंतु सरकार फिर भी नहीं सचेत हुई
और उसके दुश्परिणाम अब सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि लव-जिहाद देष के
लिए नासूर बनता जा रहा है जिसे दुष्मन राश्ट्रों की षह पर आतंकवाद की तरह
ही हिन्दुस्तान को तोड़ने के लिए फैलाया जा रहा है जिसके लिए ऐसे तत्वों को
पूरी आर्थिक मदद पाकिस्तान जैसे देष दे रहे हैं।
केन्द्र
सरकार से मांग करते हुए श्री गोयल ने कहा कि लव-जिहाद जैसे नासूर से निपटने
के लिए केन्द्र सरकार को तत्काल कड़ा कानून अमल में लाना चाहिए अन्यथा
समुदाय विषेश की तुश्टिकरण में लगी चन्द राज्य सरकारों के कारण देष को भारी
खामियाजा भुगतना पड़ेगा। |
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