राष्ट्रीय (02/09/2014) 
दलित वोट बैंक पर किसका होगा राज!
समाजवादी पार्टी ने जीतने के लिए पुरजोर प्रयास शुरू कर दिए हैं। सभी वर्गों को साथ रखकर आगे बढऩे की नीति है लेकिन अब तक दलित वोट बैंक की ओर पार्टी ने निगाह तक नहीं दौड़ाई है।माना जा रहा है कि सपा मुस्लिम, ब्राह्मण, ठाकुर आदि को सीधे-सीधे टारगेट कर रही है। इतना ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रों में उनकी समस्याओं के समाधान कराने की बात कहकर वोट मांगे जा रहे हैं। ऐसे में दलित वोट बैंक पर सपा किस तरह से राज करेगी ये तो वक्त ही बताएगा। सपा उम्मीदवार काजल शर्मा व उनके पति गुड्डू पंडित ने जन सम्पर्क तेज कर दिया है।

कांगे्रस ने अपनी छवि इस तरह रखी है कि सभी सामुदाय एवं जातियों को अपनी ओर आकर्षित करे। कांगे्रस उम्मीदवार मुस्लिम, गुर्जर और ठाकुर समाज पर विश्वास स्थापित करने के लिए प्रयासरत है। दलित वोट बैंक पर भी कांगे्रस सोच-विचार कर रणनीति बना रही है। हालांकि अब तक दलित वोट के लिए कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया है जिससे कहा जा सके कि दलित कांगे्रस में जा सकता है। क्योंकि इस चुनाव में बसपा नहीं है इसलिए दलित भी शहर का विधायक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगें।

शहरी वोट बैंक पर भाजपा अपना दावा करती है। हालांकि उप चुनाव में नतीजे कुछ भी हो सकते हैं। उच्च जातियों के साथ-साथ ब्राह्मणों, ठाकुरो और दलित वोट बैंक पर भाजपा की निगाह है। सेक्टरों में घर-घर जाकर भाजपा के लिए वोट मांगे जा रहे हैं लेकिन कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया है जिससे दलित यानी बसपा का वोट बैंक वह अपना कर सके। इस बार विधान सभा में वही जाएगा जो दलितों को लुभाएगा। ऐसे में भाजपा की नजरें भी इस बड़े वोट बैंक पर है। इसलिए फिलहाल भाजपा कोई रणनीति होने से इंकार कर रही है।
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