राष्ट्रीय (05/09/2014) 
खर्च में जुड़ेगा हर एक कार्यक्रम
ग्रेटर नोएडा। जिला प्रशासन ने प्रत्याशियों के खर्चों के पकडऩे के लिए योजना बना ली है। इसी योजा के तहत कोई भी प्रत्याशी कहीं भी कार्यक्रम करेगा तो उसका एक औसत प्रत्याशी के खर्च में जोड़ दिया जाएगा। इसके तहत जिला निर्वाचन विभाग रागिनी के आयोजन पर प्रतिदिन 35 से 40 हजार रुपये चुनाव खर्चे में चार्ज करेगा।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में रागिनी का काफी महत्व है। भीड़ जुटाने के लिए यह सबसे प्रभावी तरीका माना जाता रहा है। नेता को लोग भले ही न सुनें, रागिनी सुनने के लिए भारी भीड़ जुट जाती है। इसमें भी अगर रागिनी गायक मंडली में महिला गायक हो तो सुनने वालों की भीड़ में और भी अधिक इजाफा हो जाता है। लिहाजा निर्वाचन विभाग रागिनी आयोजित करने वाले कैंडिडेट पर भी नजर रखेगा और उसका खर्च जोड़ा जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ए. वी. राजामौली की ओर से चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाले सामान और उनकी कीमत की लिस्ट जारी की गई है। इस लिस्ट में रागिनी सबसे महंगी है।
इस क्रम में कोई प्रत्याशी अपने वोटर को लुभाने के लिए रागिनी का कार्यक्रम आयोजित कराता है, तो रागिनी के 12 सदस्य के आधार पर एक दिन का 35 से 40 हजार रुपये उनके चुनाव खर्चे में जोड़ा जाएगा। इसी तरह एक लाउस्पीकर पर 100 रुपये, म्यूजिक सिस्टम पर 1000 रुपये, ढोल पर 300 रुपये प्रति दिन चार्ज किया जाएगा। 15 गुना 15 फीट के पंडाल पर 1350 व 15 गुना 30 के पंडाल पर 2700 रुपये प्रति दिन चार्ज किया जाएगा। पानी के टैंकर पर 700 रुपये चार्ज किया जाएगा।
कपड़े का बैनर 150, झंडा 10 रुपए प्रति इंच, टोपी सूती कपड़ा 5, टोपी फाइवर 20, गेंदे की माला 25, गुलाब की माला 100, पोस्टर 18 गुना 22 इंच 1200, होर्डिंग 12 गुना 8 1500 रुपए प्रति पीस चार्ज किया जाएगा। इसी तरह वीडियोग्राफी प्रति दिन 600, आडियो कैसेट 450 रुपये प्रति पीस, लकड़ी के गेट पर 4000 रुपये प्रतिदिन, तोरण द्वार पर 450 रुपये प्रतिदिन चार्ज किया जाएगा। इसके अलावा चुनाव प्रचार में इस्तेमाल होने वाले वाहनों का चार्ज 100 किमी प्रतिदिन के हिसाब से 400 रुपये से लेकर 4500 रुपये तक जोड़ा जाएगा। हर एक गतिविधि पर प्रशासन की पैनी नजर है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने वालों पर कार्रवाई होगी। 

Copyright @ 2019.