राष्ट्रीय (08/09/2014) 
जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ. फ्रैंक वाल्टर स्टेनमेयर ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज जर्मनी के विदेश मंत्री डॉ. फ्रैंक वाल्टर स्टेनमेयर की अगवानी की। 

मुलाकात के दौरान विदेश मंत्री स्टेनमेयर ने भारत में नई सरकार के साथ मिलकर काम करने की जर्मनी की मजबूत इच्छा व्यक्त की, जिससे कि द्विपक्षीय संबंध और विस्तारित तथा गहरे हों। उन्होंने हेनोवर मेस-2015 में भारत के एक साझेदार देश के रुप में भाग लेने के लिए चांसलर मर्केल के आमंत्रण को स्वीकार करने के भारत के फैसले का स्वागत किया। 

प्रधानमंत्री ने 17 जुलाई को जर्मनी से होकर गुजरते हुए चांसलर मर्केल के साथ टेलीफोन पर हुई अपनी सार्थक बातचीत याद की। उन्होंने भारत-जर्मनी संबंधों के प्रति चांसलर मर्केल की व्यक्तिगत दिलचस्पी और प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत 2015 में अंत:सरकारी सलाह-मशविरा बैठक के अगले दौर के लिए चांसलर मर्केल की यात्रा की बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है। 

प्रधानमंत्री ने पिछले दशक के दौरान जर्मनी के उल्लेखनीय आर्थिक पुनरुत्थान की सराहना की। उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों से बंधे भारत और जर्मनी को “एक-दूसरे के लिए निर्मित” बताया, जो पूरक कौशलों और संसाधनों के कारण विनिर्माण और ढांचागत विकास में साझेदारी करने के जरिए औद्योगिक विकास की अगली पीढ़ी को ताकत दे सकते हैं। 

प्रधानमंत्री ने यह भी सलाह दी कि कौशल विकास के क्षेत्र में जर्मनी की ताकत और अनुभव का लाभ उठाकर दोनों पक्ष भारतीय जरूरतों और कुशल मानव संसाधनों की वैश्विक जरुरतों की पूर्ति के लिए भारतीय युवकों की एक ठोस समय प्रशिक्षण योजना विकसित करें। उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में जारी सहयोग को और आगे बढ़ाने तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जल प्रशोधन तथा नदियों को स्वच्छ करने के क्षेत्रों में नई साझेदारी विकसित करने की भी अपील की। 

इस पर सहमति जताई गई कि दोनों पक्ष अगली अंत:सरकारी सलाह-मशविरा बैठक में इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में सहयोग के लिए ठोस रोडमैप को अंतिम रुप देने के लक्ष्य के साथ तैयारी की शुरुआत करेंगे। 

इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हेनोवर मेस-2015 से पहले मुद्दा विशिष्ट कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा। 
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