दिल्ली के सदर बाजार इलाके से लापता हुई 9 साल की बच्ची को दिल्ली पुलिस ने तीन दिनों की अथक कोशिशों के बाद सकुशल ढूंढ निकाला। पुलिस टीम ने सैकड़ों CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली, कई शेल्टर होम्स और एनजीओ में तलाश की और अंततः बच्ची को लाल किला क्षेत्र से सुरक्षित बरामद कर लिया गया।
घटना 12 अक्टूबर की सुबह की है, जब अहाता किदारा निवासी महिला ने पुलिस से शिकायत की कि उनकी नाबालिग बेटी सुबह घर के पास की दुकान से कुछ खाने का सामान लेने गई थी, लेकिन लौटकर नहीं आई। शिकायत के आधार पर सदर बाजार थाने में अपहरण का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एसआई प्रशांत शर्मा (इंचार्ज, पीपी अहाता किदारा) की अगुवाई में विशेष टीम गठित की, जिसमें एएसआई फिरोज खान, एचसी अंकुर, महिला एचसी सुनीता और कॉन्स्टेबल रमेश शामिल थे। यह पूरी टीम इंस्पेक्टर सहदेव सिंह तोमर, SHO सदर बाजार और एसीपी विदुषी कौशिक के मार्गदर्शन में लगातार तीन दिनों तक जुटी रही।
पुलिस टीम ने जांच के दौरान इलाके के सैकड़ों CCTV कैमरों की फुटेज का बारीकी से विश्लेषण किया। फुटेज में बच्ची आखिरी बार सुबह करीब 6:55 बजे घर से निकलती दिखी। इसके बाद वह बारा हिंदू राव के पास बिरयानी खाते और फिर आजाद मार्केट चौक के पास बैठी नजर आई। इसके बाद उसका रुख मोरी गेट की ओर देखा गया।
पुलिस ने लगातार तीन दिनों तक संभावित जगहों — सलाम बालक ट्रस्ट, सरकारी और एनजीओ संचालित शेल्टर होम्स, पलना सहित अन्य संस्थानों में गहन तलाशी ली। साथ ही, पुरानी दिल्ली, पहाड़गंज और सदर बाजार क्षेत्र में सक्रिय एनजीओ से भी संपर्क कर जानकारी जुटाई गई। इन सतत प्रयासों के बाद 15 अक्टूबर को बच्ची को लाल किले के पास सुरक्षित पाया गया।
प्राथमिक पूछताछ में बच्ची ने बताया कि वह भीड़भाड़ के बीच रास्ता भूल गई थी और गलती से गुरुद्वारा, चांदनी चौक पहुंच गई, जहां वह तीन दिनों से रह रही थी।
बच्ची का मेडिकल परीक्षण बारा हिंदू राव अस्पताल में कराया गया, जिसमें किसी प्रकार की अनहोनी की आशंका नहीं पाई गई। सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद बच्ची को “ऑपरेशन मिलाप” के तहत उसके परिजनों को सुरक्षित सौंप दिया गया।
परिवार ने बच्ची की सुरक्षित वापसी पर राहत की सांस ली और दिल्ली पुलिस, विशेषकर सदर बाजार थाना टीम का तहेदिल से आभार व्यक्त किया।
उत्तर जिला डीसीपी राजा बंठिया ने टीम की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो नागरिकों की सुरक्षा और खासतौर पर बच्चों की सुरक्षा के प्रति हमेशा सतर्क रहती है।






