नई दिल्ली, 2 अक्टूबर 2025।
द्वारका जिले की पुलिस ने ऑपरेशन “मिलाप” को आगे बढ़ाते हुए “खोया-पाया मिशन” के तहत मानवीय संवेदनशीलता की एक अनूठी मिसाल पेश की। रामलीला मेले में बिछड़ा एक 5 साल का मासूम बच्चा पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद अपनी मां की गोद में लौट आया।
घटना 29-30 सितंबर की रात की है, जब बिहार दरभंगा का रहने वाला एक बच्चा द्वारका सेक्टर-10 रामलीला मेले में भीड़ के बीच गुम हो गया। बच्चा लगातार रो रहा था और अपनी बात ठीक से बता भी नहीं पा रहा था। तभी चौकी इंचार्ज एसआई रजत मलिक और हेड कांस्टेबल कमलेश ने बच्चे को गोद में उठाकर पूरे मेले में परिजनों की तलाश शुरू की। पुलिसकर्मियों ने मासूम को दुलार कर शांत किया और उसके अधूरे शब्दों से सुराग तलाशने की कोशिश की।
पुलिस ने मेले में मौजूद अनाउंसमेंट सिस्टम के जरिए संदेश प्रसारित कराया और पार्किंग क्षेत्र में भी खोजबीन जारी रखी। काफी प्रयासों के बाद पुलिस टीम ने बच्चे के परिजनों को ढूंढ निकाला, जो सड़क पर बेसहारा अपने लख्ते जिगर की तलाश में भटक रहे थे। मां की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े जब उसने अपने बेटे को सकुशल अपनी गोद में पाया।
डीसीपी द्वारका अंकित सिंह (IPS) ने जिले भर की रामलीलाओं में “खोया-पाया केंद्र” स्थापित किए हैं, जहां पुलिसकर्मी खोए हुए बच्चों और बुजुर्गों को सुरक्षित उनके परिवार तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। आधुनिक तकनीक और डिजिटल स्क्रीन का उपयोग कर तस्वीरें प्रसारित की जा रही हैं ताकि सूचना तुरंत परिवार तक पहुंचे।







